Sunday - 14 January 2024 - 9:12 AM

बंगाल में राजनीतिक जमीन तलाश रही BJP को क्यों लगा है झटका

स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। तीन दिनों तक दंगों की आग में दिल्ली झुलसी है। इस दंगे ने सरकार की नींद उड़ाकर रख दी है लेकिन इस दंगे के लिए कौन जिम्मेदार है इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। जहां एक ओर पूरा विपक्ष इसको लेकर मोदी सरकार पर हमला कर रहा है तो दूसरी ओर बीजेपी के अपने कुनबे में इस दंगे को लेकर अलग-अलग राय है।

कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर जैसे बीजेपी नेताओं के बयान पर एक ओर विपक्ष सवाल उठा रहा है तो दूसरी ओर खुद बीजेपी के कुछ नेताओं ने भड़काऊ बयानों पर कड़ा विरोध दर्ज किया है। गौरतलब है कि सांसद गौतम गंभीर ने कपिल मिश्रा पर कार्रवाई करने की मांग की थी।

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इसके बाद बीजेपी की एक और नेता का नाम इस लिस्ट में जुड़ गया है। बंगाली फिल्म एक्ट्रेस और बीजेपी की नेता सुभद्रा मुखर्जी ने न सिर्फ कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर की आलोचना की है बल्कि पार्टी से ही किनारा कर लिया है। उन्होंने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि वो वह मोदी के भ्रमजाल में फंस गयी थीं।

अभिनेत्री सुभद्रा मुखर्जी ने कहा था कि माहौल नफरत से भरा है। अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा जैसे पार्टी नेताओं के खिलाफ उनके नफरत भरे भाषणों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मैं ऐसी पार्टी में कैसे रह सकती हूं, जो कार्रवाई चुनकर करे?

सुभद्रा यहीं नहीं रूकी उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली दंगों और दिल्ली हाईकोर्ट के जज एस मुरलीधर का जिस तरह रातों रात तबादला किया गया, उससे मुझे लगा कि भाजपा को अलविदा कहने का सही समय आ गया है।

सुभद्र मुखर्जी ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के भ्रमजाल में फंस गयी थीं। उन्होंने कहा कि क़ानून के शासन का सम्मान नहीं किया जा रहा है। बंगाली अभिनेत्री ने कहा कि देश में हिन्दु-मुस्लिम बंटवारा मुझे पसंद नहीं।

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उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि मोदी का विजन एक वैकल्पिक भारत का विजन है। मुझे लगता था कि वह पश्चिम बंगाल को एक बेहतर विजन देंगे, लेकिन उन्होंने हमें दिखाया कि ये सब सपना है जो कभी पूरा नहीं हो सकता।

सुभद्र मुखर्जी ने कहा कि भड़काऊ बयान देने वाले भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा को गिरफ़्तार किया जाए। इसी तरह उन्होंने वारिस पठान को भी भड़काउ बयान देने के इल्ज़ाम में जेल भेजने की मांग की। कुल मिलाकर उनके इस्तीफे देने से बंगाल में बीजेपी को तगड़ा झटका लग सकता है।

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दरअसल बंगाल में बीजेपी अपनी राजनीतिक जमीन को तलाश रही है। विधान सभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी बंगाल में पहले से ज्यादा सक्रिय हो गई है।

बता दें कि बंगाल का दौरा इससे पहले अमित शाह भी कर चुके हैं। ममता सरकार के खिलाफ बीजेपी ने वहां पर मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में सुभद्रा मुखर्जी के बीजेपी से किनारा करने से नुकसान हो सकता है।

सुभद्रा मुखर्जी से पहले गौतम गंभीर ने दिल्ली हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा था कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह इंसान कौन है, चाहे वह कपिल मिश्रा हो या कोई भी, किसी भी पार्टी से संबंधित हो, अगर उसने कोई भड़काऊ भाषण दिया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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