जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लम्बी यात्रा के दौरान लोगों को खानपान में दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए रेल मंत्रालय लंबे समय से नई कैटरिंग पालिसी बनने की ओर अग्रसर है, जिन ट्रेनों में पैंट्रीकार नहीं है वहां यात्रियों को ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
स्टेशन से लेकर ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था और इसका जायका दोनों ही बदलने की तैयारी चल रही है। रेलवे से आईआरसीटीसी और फिर आईआरसीटीसी से रेलवे को खानपान के इंतजाम सौंपने को लेकर नई पॉलिसी पर काफी समय से मंथन चल रहा है।
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रेलवे बोर्ड के अनुसार मेन्यू बदलने पर मुहर लगने से थाली में लजीज व्यंजन तो जगह लेंगे ही साथ ही होटलों की तरह मनपसंद आइटम का स्वाद भी यात्री ले सकेंगे। उम्मीद है कि दशहरे से पहले इस पर कुछ फैसला हो जाएगा।
वर्तमान में मिल रही पारंपरिक थाली (फिलहाल अस्थाई रूप से ट्रेनों में बंद) होटलों की थाली का स्वरूप ले सकते हैं। साथ ही वेज और नानवेज के आइटम में भी बढ़ोतरी हो सकती है। अभी मिलने वाली थाली में चावल, रसेदार सब्जी, दाल, अचार, पापड़, रोटी या पराठा, दही या मीठा रहता है।
डॉक्टरों ने यदि किसी यात्री को लो-कैलोरी खाना खाने की सलाह दी है तो आपको चलती ट्रेन में भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। पेंट्रीकार में आपके लिए लो-कैलोरी खाना तैयार हो जाएगा।
दिन या रात जब भी वेंडर आपकी बर्थ पर खाना का ऑर्डर लेने आए तो आपको उसे बताना होगा कि किस तरह का खाना चाहिए। ऑर्डर के हिसाब से कुछ समय बाद आपके बर्थ पर लो-कैलोरी खाना पहुंच जाएगा। यह भी सुविधा ट्रेनों में जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
यात्रियों के लिए ट्रेनों में खाने और नाश्ते को लेकर कोई खास विकल्प नहीं रहता है। पहले से निर्धारित मेन्यू के हिसाब से ही उन्हें खाना मिलता है। लेकिन नई पॉलिसी के बाद यात्री अपने पसंद का खाना स्टेशन और ट्रेनों में ले सकेंगे।
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