Friday - 5 January 2024 - 12:50 PM

तो क्या इसलिए मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए तेजस्वी?

जुबिली न्यूज डेस्क

तेजस्वी यादव भले ही बिहार विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पाए, लेकिन उनकी खूब तारीफ हो रही है। तेजस्वी ने जिस तरह से चुनाव लड़े उसकी सभी तारीफ कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए।

चुनावी नतीजे आने के बाद अब मंथन का दौर शुरु हो गया है। चुनाव हारने-जीतने की वजहों की तलाशने की कोशिश हो रही है। महागठबंधन के बहुमत से दूर होने की वजह भी तलाशी जा रही है।

राष्ट्रीय जनता दल के भीतर भी कई नेताओं का मानना है कि तेजस्वी ने कांग्रेस को 70 सीटें देकर सबसे बड़ी गलती की थी। कांग्रेस को 70 में से महज 19 सीटों पर ही जीत मिली है और बहुमत से पीछे रह जाने में यह अहम कारण बना।

दूसरी तरफ महागठबंधन की एक और सहयोगी सीपीआईएमएल ने 19 में से 12 सीटें जीत शानदार प्रदर्शन किया। आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि राजद को कांग्रेस के सामने इतना नहीं झुकना चाहिए था।

कांग्रेस अपने पिछले चुनाव का प्रदर्शन दोहराने में नाकामयाब रही। 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 41 सीट पर चुनाव लड़ी थी और 27 सीटों पर जीत हासिल की थी।

कांग्रेस के लिए बुरी खबर केवल बिहार से ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश से भी आई। मध्य प्रदेश में चंबल के इलाके में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव था लेकिन यहां भी कांग्रेस 9 सीटों पर सीमित रह गई।

यदि कांग्रेस यहां 25 सीटें जीत जाती तो शिवराज सिंह चौहान की सरकार गिर जाती। कांग्रेस का कहना है कि सीटों के बंटवारे में देरी, कमजोर उम्मीदवारों का चयन, कमजोर संगठन और प्रदेश स्तर के अप्रभावी नेतृत्व के कारण हार मिली है। इसके साथ ही चुनावी अभियान में गठबंधन के साथियों में कोई समन्वय का नहीं होना भी कारण बताया जा रहा है।

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बिहार में कांग्रेस का 19 सीटों पर सिमटने की वजह भी है। पूरे चुनावी कैंपेन में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की कोई एक साथ रैली नहीं हुई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी कैंपेन में नहीं आईं। वह बिहार चुनाव से दूरी बनाए रही जबकि वह कांग्रेस का बड़ा चेहरा है।

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इसके अलावा अन्य वजहों में आरजेडी, लेफ्ट और कांग्रेस के बीच सीटों का बंटवारा मतदान के ठीक 25 दिन पहले हो पाया था। ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस को आरजेडी ने वो सीटें दीं जहां उसके लिए जीतना आसान नहीं था।

कांग्रेस के एक पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि 70 सीटें भले मिलीं लेकिन जो सीटें मिलनी चाहिए थीं वो पार्टी ले नहीं पाई। उनका कहना है

कि आरजेडी ने वही सीट दी जहां उसके लिए जीत हासिल करना मुमकिन नहीं था। कांग्रेस का कहना है कि उसे वही सीट मिली जहां एनडीए बहुत मज़बूत था।

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