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सिद्धू लौटे फॉर्म में और बताया किसकी देन है कृषि कानून

जुबिली स्पेशल डेस्क

नई दिल्ली। पंजाब में अगले साल चुनाव होना है इसलिए वहां पर सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। जहां एक ओर कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटने का सपना पाल रखा है तो दूसरी ओर बीजेपी और अकाली दल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी कांग्रेस की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।

उधर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अब फॉर्म में नजर आ रहे हैं। उन्होंने बुधवार को प्रेस वार्ता कर अकाली दल के बादल परिवार पर जमकर निशाना साधा है।

उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल के बादल परिवार को घेरते हुए कहा कि अकाली दल ही केंद्र के पास कृषि कानून का प्रस्ताव लेकर गई, पहले इन्हें पंजाब में लागू किया गया और बाद में केंद्र में इसे लागू किया गया।

पंजाब में साल 2013 में विधानसभा में ऐसा एक्ट लाया गया, ये एक्ट प्रकाश सिंह बादल ने पेश किया था। उन्होंने यहां तक कहा कि बादल सरकार द्वारा जो एक्ट पंजाब में पेश किया गया था, उसे ही हूबहू केंद्र में लागू कर दिया गया।

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जब ये कानून लागू हुआ तब अकाली दल एनडीए का ही हिस्सा था। क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के जरिए किसानों को गुलाम बनाने की कोशिश की गई है।

सिद्धू ने कहा कि बादल सरकार द्वारा जो एक्ट विधानसभा में लाया गया था उसमें MSP का ज़िक्र ही नहीं था। सिद्धू बोले कि किसानों के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं था, जमीन को लेकर भी दिक्कतें थीं।

इस दौरान सिद्धू ने दस अहम बिंदु भी रखे हैं। इस प्रेस वार्ता के दौरान सिद्धू ने बड़ा दावा किया है और कहा है कि पंजाब में लागू हुए कानून को देश में लागू कर दिया गया।

मंगलवार को सिद्धू ने दो ट्वीट किए और यह मुद्दा उठाते हुए लिखा कि खरीद से पहले एफएआरडी की अनिवार्य मांग के संबंध में केंद्र सरकार के आदेश पंजाब के सामाजिक आर्थिक ताने-बाने के खिलाफ हैं … जानबूझकर एक राष्ट्र, दो बाजार बनाना क्योंकि ये आदेश केवल एपीएमसी मंडियों के लिए मान्य हैं जहां खरीद एमएसपी पर होती है न कि निजी मंडियों के लिए।

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बता दें कि पंजाब में सिद्धू और कैप्टन के बीच रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सिद्धू पंजाब कांग्रेस के भले ही अध्यक्ष बन गए हो लेकिन उनके निशाने पर कैप्टन रहते हैं।

हालांकि जब से केंद्रीय आलाकमान की नसीहत दी है तब से वो शांत नजर आ रहे हैं और कैप्टन को लेकर कोई बयान नहीं दे रहे हैं लेकिन पंजाब में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी परेशानी आम आदमी पार्टी बन सकती है।

कुल मिलाकर पंजाब में सत्ता वापसी का सपना देख रही है कांग्रेस के लिए बड़ी उम्मीद बनकर सिद्धू जरूर समाने आए तभी कांग्रेस किसी भी तरह से उनको अपनी पार्टी बनाया रखना चाहती है।

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