जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में नई सरकार का गठन कल हो सकता है। एनडीए ने नीतीश कुमार को सीएम बनाने का फैसला कर लिया है।
एनडीए की बैठक में नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही उनके सीएम बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है लेकिन नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम कौन होगा इसको लेकर अब पेंच फंस गया है।
बता दें कि इससे पहले सुशील मोदी नीतीश सरकार में इसकी जिम्मेदारी निभा रहे थे लेकिन इस बार स्थिति इसके उलट है। सुशील मोदी ने एक ट्वीट कर सबको चौंका डाला था।
उनके इस ट्वीट के बाद ही साफ हो गया था नीतीश सरकार में अब सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं होंगे। उधर एनडीए से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में इस बार दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं।
इस रेस में सबसे आगे बिहार बीजेपी के नेता तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी आगे चल रही हैं। हालांकि एनडीए इसको लेकर अभी तक पत्ता नहीं खोला है।
बता दें कि तारकिशोर प्रसाद को रविवार को बीजेपी विधानमंडल दल का नेता चुना गया है। इसके अलावा, रेणु देवी को बीजेपी विधायक दल का उपनेता चुना गया।
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सुशील मोदी को झटका, बीजेपी ने तार किशोर प्रसाद को सदन का नेता चुना
इसके बाद से दोनों के उप मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर अटकले लगायी जा रही है। पत्रकारों के साथ बातचीत में तारकिशोर ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे मैं अपनी क्षमता के अनुसार पूरी निष्ठा के साथ निभाऊंगा।
हालांकि, राज्य के डिप्टी सीएम को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने साफ-साफ उत्तर नहीं दिया। तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि इस बारे में मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहता हूं।
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उधर सुशील मोदी ने एक ट्वीट कर अपनी बात रखी थी और कहा था कि भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा। कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।
भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा।आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूँगा।कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 15, 2020
बता दें कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने जा रही है। हालांकि इस बार नीतीश कुमार का रोल बदला हुआ नजर आ रहा है। दरअसर इस चुनाव में नीतीश की पार्टी ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया और नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जेडीयू 43 सीटे ही जीत सकी है।
दूसरी ओर बीजेपी ने 74 सीटें जीतकर अपना दबदबा कायम किया है। ऐसे में बिहार में अब नीतीश बड़े भाई के रोल में नहीं होंगे। इस वजह से उनके लिए सत्ता चालाना काफी मुश्किल भरा हो सकता है।