Friday - 25 October 2024 - 4:18 PM

डोनल्ड ट्रंप ने लगाया था #TikTok पर बैन..अदालत ने हटा दिया

जुबिली न्यूज़ डेस्क

शॉर्ट-वीडियो बनाने वाले चीनी ऐप TikTok को लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राहत दी है. एक अमरीकी अदालत ने लोकप्रिय चाइनीज ऐप टिक टॉक को बैन करने के ट्रंप के फैसले पर रोक लगा दी है। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव होने में अब बस दो दिन शेष रह गए हैं उससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगा है।

कोर्ट ने यह रोक दो टिक टॉक यूजर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। पेंसिल्वेनिया कॉमेडियन और अन्य दो ने ट्रंप के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि टिक टॉक को बैन करना उनके मुक्त होकर बोलने की आजादी के खिलाफ है।

शुक्रवार को अमरीकी जिला न्यायाधीश वेंडी वीटलस्टोन ने अगले आदेश तक वाणिज्य विभाग की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वाणिज्य विभाग अगले कुछ दिनों में टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाली थी।

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बता दें कि ट्रंप सरकार ने चीनी कंपनी बाइटडांस की डाउटर कंपनी टिक टॉक को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। ट्रंप सरकार का कहना है कि टिक टॉक यूजर्स के डाटा का चारी और जासूसी करने की पूरी संभावना है।

इसी के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन की ओर से टिक टॉक को बैन करने को लेकर जारी किए गए कार्यकारी आदेश को 12 नवंबर को लागू करने के लिए निर्धारित किया गया था। लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद 12 नवंबर को टिक टॉक पर बैन नहीं लग सकेगा।

बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब टिक टॉक बैन करने को लेकर ट्रंप सरकार की ओर से लिए गए फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले सितंबर में अमरीकी संघीय जज ने राष्ट्रपति ट्रंप के Tik Tok बैन फैसले को स्‍थगित कर दिया था। अमरीका में टिक टॉक के करीब 100 मिलियन यानी 10 करोड़ यूजर्स हैं।

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उस वक्त टिक टॉक के वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप प्रशासन का ऐप-स्टोर प्रतिबंध पहले संशोधन अधिकारों का उल्लंघन होगा और व्यवसाय के लिए अपूरणीय क्षति होगी। लेकिन अब पेंसिल्वेनिया के पूर्वी जिले में बीटलस्टोन का मामला कंपनी द्वारा नहीं लाया गया है, बल्कि इसके तीन उपयोगकर्ता, डगलस मारलैंड, जो पेंसिल्वेनिया के बक्स काउंटी के एक कॉमेडियन हैं, साथ ही दक्षिणी कैलिफोर्निया के डिजाइनर कॉसैट रिनाब और कनेक्टिकट संगीतकार एलेक चेम्बर्स ने कोर्ट में याचिका दी है।

तीनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उनके वकील अंबिका कुमार डोरन ने एक बयान में कहा ‘हमें खुशी है कि न्यायाधीश ने इस प्रतिबंध को रोक दिया है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम के तहत राष्ट्रपति के अधिकार से अधिक है, यानी कि अधिनियम के कुछ अंश जो हमारे राष्ट्र को मुक्त भाषण के लिए गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं’।

इधर, इस फैसले के बाद से वाणिज्य विभाग और व्हाइट हाउस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह 1977 के कानून के तहत राष्ट्रपति ट्रंप आपातकालीन प्राधिकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो कि एक राष्ट्रपति को असामान्य खतरों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य को विनियमित करने में सक्षम बनाता है।

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