Sunday - 7 January 2024 - 1:44 PM

COVID-19 से बचना है तो साबुन से करें दोस्ती

  • डब्लूएचओ ने दिया नए कोरोना वायरस को नाम
  • कोरोना से मरने वालों की संख्या बढी लेकिन संक्रमण के नये मामलों में कमी

राजीव ओझा

चीन से तरह तरह की भयावह ख़बरें और वीडयो देख कर लगता है जैसे चीन में हिटलर का राज हो। कहीं लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है और कहीं संक्रमित लोगों जबरन उठाया जा रहा है। इसका कारण आगे आप को बताएँगे लेकिन पहले ताजा अपडेट।

कोरोना वायरस से मौत का आंकड़ा बुधवार को 1100 आंकड़े पार कर गया। मौत के बढ़ते भयावह आंकड़ों के बीच एक राहत भरी खबर है कि कोरोना से संक्रमित होने वाले नए मामलों में कमी आई है। यह खबर चीनी अधिकारियों ने हवाले से है कि संक्रमण की दर धीमी होने के संकेत मिले हैं। इधर भारत में राहत भरी खबर है कि केरल के जिस मरीज को कोरोना से संक्रमित बताया जा रहा था वह अब पूरी तरह संक्रमण मुक्त हो चुका है।

लेकिन संक्रमण के नए मामलों में कमी के संकेत

न्यूयॉर्क टाइम्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार चीन में कोरोना वायरस से मौत के आंकड़े तो बढ़ रहें हैं लेकिन संक्रमण के नए मामलों में थोड़ी कमी के संकेत मिले हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने नए कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी को आधिकारिक COVID-19 दिया है क्योंकि बीमारी का पता पिछले साल के अंत में चला था।

डब्लूएचओ के महानिदेशक, एडहोम गेब्रियेसस का कहना है कि इस नए नाम को कोरोनोवायरस से जुड़े किसी भी स्थान या जानवरों से इस लिए नहीं जोड़ा गया है ताकि लोगों को अनावयश्क शर्मिंदगी न उठानी पड़े।

इस बीच पिछले चौबीस घंटों में चीन में और 97 लोगों की कोरोना से मौत हो गई। जबकि संक्रमण के 2015 मामले सामने आए हैं। दुनिया भर में दो दर्जन से अधिक देशों में कोरोना वायरस के मामले पाए गए हैं और आधिकारिक रूप से 50 हजार से अधिक लोग वायरस से संक्रमित हैं।

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संक्रमण हवा के जरिये नहीं बल्कि सम्पर्क से

चीन की कई ख़बरें और वीडियो में लोगों को घर में ही कैद दिखाया गया है। इसकी ख़ास वजह है नये कोरोना वायरस का संक्रमण हवा के जरिये नहीं बल्कि सम्पर्क से होता है। जबकि सार्स और चिकन पॉक्स का वायरस हवा के जरिये फैलता है। नए कोरोना वायरस से जब संक्रमित वस्तु या शरीर का कोई अंग मुंह, नाक और आँख के सम्पर्क में आता है तभी यह दूसरों में ट्रान्सफर होता है। इसको इस तरह समझिये-अगर आपने संक्रमित हाथ से किसी हैंडल या मेज कुर्सी या अन्य वस्तु को स्पर्श किया तो उस वस्तु में वायरस आ जाता है।

कोरोना वायरस कई दिनों तक उस संक्रमित वस्तु पर जीवित रहता है और जैसे ही कोई अन्य व्यक्ति उस वस्तु को छूता है तो उसके हाथ में संक्रमण हो जाता है। जब तक आप संक्रमित हाथ से अपने चेहरे को नहीं छूते तब तक आप बचे रहेंगे लेकिन जैसे ही ने चेहरा स्पर्श किया कि गए काम से। इसीलिए उन लोगों को भी संक्रमण हो जाता जो मास्क लगाये होते हैं। दरअसल अपने मास्क को बार बार एडजस्ट करने के लिए वह हाथ से स्पर्श करते हैं। और बस यहीं से संक्रमण हो जाता है। इसलिए संक्रमण से बचना है तो साबुन से दोस्ती करें और हाथ चेहरे से दुश्मनी कर ले। यानी बार बार साबुन से हाथ धोएं और भूल कर भी हाथ से चेहरे को न स्पर्श करें।

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सार्स की तुलना में कम घातक

दूसरी महत्वपूर्ण बात नए वायरस के बारे में है यह कि मर्स और सार्स की तुलना में यह थोडा कम घातक है लेकिन इसका संक्रमण अधिक तेजी से होता है। सबसे ज्यादा संक्रमण उस व्यक्ति से होता है जिसमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों। अगर ऐसा व्यक्ति अगर खांसता या छीकता है तो लार के कण जिस चीज पर गिरेंगे उस पर काफी समय तक वायरस जिन्दा रहता है। जैसे ही कोई स्वस्थ उस वस्तु के सम्पर्क में आता है वह संक्रमित हो जाता है। इसलिए व्यक्तिगत सफाई का ध्यान रखन और अपने को अलग थलग रखना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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