Sunday - 7 January 2024 - 12:52 PM

भैंस पर सवार होकर चुनाव प्रचार करना नेताजी को पड़ा महंगा

जुबिली न्यूज डेस्क

बिहार के चुनावी दंगल में मतदाताओं का ध्यान खींचने के लिए नेता तरह-तरह के हथकंडे आजमा रहे हैं। कोई विवादित बयान दे रहा है तो कोई स्टंट कर रहा है।

बिहार में एक प्रत्याशी को भैंस पर सवार होकर चुनाव प्रचार करना भारी पड़ गया है। नेता जी भैंस पर सवार होकर चुनाव प्रचार करने निकले। उन्हें लगा इससे मतदाता आकर्षित होंगे और उनकी क्षेत्र में चर्चा होगी, लेकिन भैंस के कारण नेताजी पर कानूनी डंडा चल गया।

भैंस पर सवारी करने वाले नेता के खिलाफ सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज हो गई। पशु क्रूरता अधिनियम और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी के कारण राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के गया शहरी विधानसभा के प्रत्याशी परवेज मंसूरी पर एफआईआर हो गई है।

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रविवार को गांधी मैदान गेट नंबर के सेे राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के गया शहरी विधान सभा क्षेत्र के उम्मीदवार परवेज मंसूरी भैंस पर सवार होकर जन संपर्क अभियान को निकले। मंसूरी के इस अंदाज को देख कर भीड़ भी जुटने लगी।

मंसूरी ने कहा कि शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ते जा रहा है। इसलिए हम भैंस पर चढें हैं, ताकि प्रदूषण न फैले। उनके इस सोच को समर्थन भी मिलने लगा, लेकिन सिविल लाइन के थानेदार ने नियम का ऐसा पाठ-पढ़ाया कि नेताजी को चुनाव में ही पर्यावरण की चिंता करना महंगा पड़ गया। उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हो गई।

पुलिस ने गांधी मैदान से स्वराजपुरी रोड पर पहुंचे नेताजी को आईपीसी की धारा 269 (जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने में लापरवाही) और धारा 270 (घातक कार्य जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना) के तहत पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और सोशल डिस्टेंशिंग की अवहेलना के नाम पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

हालांकि थोड़ी देर बाद नेताजी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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गया एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। यह पशु अधिनियम के लिए क्रूरता की रोकथाम का उल्लंघन था। पुलिस जांच करेगी और उसके अनुसार आगे बढ़ेगी।

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए जानवरों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से चुनाव प्रचार के लिए किसी भी जानवर का इस्तेमाल करने से परहेज करने की सलाह दी है।

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि किसी पार्टी के पास, किसी जानवर का चित्रण करने वाले प्रतीक को पार्टी के किसी भी चुनाव प्रचार में उस जानवर का लाइव प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।

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