Sunday - 7 January 2024 - 1:15 PM

दुनिया की आधी से अधिक आबादी वायु गुणवत्ता पर किसी सरकारी डेटा से वंचित

जुबली न्यूज़ डेस्क

दुनिया की आधी से अधिक आबादी वायु गुणवत्ता पर किसी आधिकारिक सरकारी डेटा से वंचित है। ये तब है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ दुनिया में 10 में से 9 लोग प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं।

न सिर्फ़ पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य की नज़र से भी बेहद ज़रूरी इस जानकारी को जुटाने में विशाल वैश्विक असमानताओं का खुलासा कल सुबह 5:31 बजे IST (00:01 GMT) OpenAQ द्वारा एक रिपोर्ट जारी कर किया जायेगा।

‘Open Air Quality Data: The Global State of Play’ के शीर्षक वाले इस अध्ययन में 212 देशों की जाँच की गई और पाया गया कि 109 (51%) देश ऐसे हैं जहाँ हवा में ज़हर घोलने वाले मुख्य प्रदूषक तत्वों और वायु गुणवत्ता को दर्शाता डेटा नहीं संकलित किया जा रहा।

इन 109 देशों में चीन, भारत, रूस, फिलीपींस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसी प्रमुख शक्तियां भी हैं। OpenAQ ने इन सभी देशों की सूची जारी की है जो कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। साथ ही, 103 देश ऐसे भी हैं, जहाँ इन बिन्दुओं पर डेटा संकलित किया जा रहा है।

OpenAQ प्रणाली का उपयोग नासा द्वारा किया जाता है और नासा के वैज्ञानिकों द्वारा इस अध्ययन को समर्थन भी मिला है। OpenAQ की प्रणाली के साथ वायु प्रदूषण पर नासा के उपग्रह डेटा को मिलाकर “दुनिया में सभी के लिए वायु गुणवत्ता की जानकारी लाने की क्षमता है।”

विस्तृत जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। ।

https://ace.media/press-releases/openaq/half-of-worlds-people-lack-access-to-air-quality-data-hampering-efforts-to-tackle-one-of-biggest-public-health-threats

मुख्य बातें

● 51% देश, जहाँ 1।4 बिलियन लोग रहते हैं, वायु गुणवत्ता के डेटा के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं करते और देशवासियों को, WHO के शब्दों में “स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम” झेलने पर मजबूर करते हैं।

● बाहरी वायु प्रदूषण की नज़र से ये देश सबसे बुरे माने जाते हैं क्योंकि इस वजह से हर साल यहाँ 4।2 मिलियन लोगों की मृत्यु होती है। इनमें से 90% मौतें कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।

● पाकिस्तान, नाइजीरिया और इथियोपिया जैसे कई प्रमुख देशों में वहां की सरकारें किसी भी प्रकार का वायु प्रदूषण से सम्बंधित डेटा संकलित और सार्वजनिक करती ही नहीं हैं।

● कई अन्य प्रमुख वैश्विक शक्तियां, जैसे चीन, भारत, रूस, फिलीपींस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका, पूरी तरह से खुले और पारदर्शी तरीके से डेटा साझा नहीं करती हैं।

● हवा की गुणवत्ता पर बेहद कम विदेशी सहायता कार्यक्रम ध्यान देते हैं और दानदाता संस्थाओं द्वारा दिए गए हर 5000 डॉलर में से सिर्फ़ 1 डॉलर हवा की गुणवत्ता के लिए होता है।

● नासा के अनुसार “स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने की दिशा में ओपन डेटा एक छोटा सा कदम है”।

यह भी पढ़ें : गांव और शहर के बीच झूलती जिंदगियां

यह भी पढ़ें : …तो विकास दुबे ने इसलिए किया सरेंडर का फैसला

यह भी पढ़ें : जाने इतिहास में दर्ज 9 जुलाई के दिन हुई कई अहम घटनाएं

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com