जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। बसप सुप्रीमो मायावती एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर हैं। वहीं दूसरी ओर सपा उनपर बीजेपी के साथ होने का अरोप लगा रही है।
अपने ऊपर लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए मायावती ने साफ कर दिया कि वो बीजेपी के साथ गठबंधन करने नहीं जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति से सन्यास नहीं ले रही हूं। भाजपा से गठबंधन की अफवाह सपा-कांग्रेस के द्वारा फैलाई जा रही है, ताकि मुस्लिमों का वोट हमें न मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा, कांग्रेस की बाप निकली है।
सीबीआई व ईडी का इस्तेमाल कर मुझे परेशान करने की कोशिश हुई। उन्होंने आज दोबारा कहा कि वे किसी का भी समर्थन करेंगी, लेकिन समाजवादी पार्टी को हर हाल में हराएंगे। दरअसल, पिछले दिनों मायावती ने कहा था कि सपा को हराने के लिए वे भाजपा को भी वोट दे सकती हैं। जिसके बाद भाजपा ने साफ किया था कि उन्हें मायावती के समर्थन की आवश्यकता नहीं है।
हालांकि बाद में मायावती ने कहा कि बसपा, भाजपा के साथ किसी भी कीमत पर गठबंधन नहीं करेगी। लेकिन कांग्रेस और सपा के लोग गठबंधन करने का झूठा प्रचार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 7 विधानसभा सीटों पर होने उपचुनाव में मुसलमानों का वोट बसपा को न पड़े। हमारा भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है न ही होगा। क्योंकि उनकी पार्टी की विचारधारा बसपा से नहीं मिलती है।
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बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मैं काफी मजबूत हूं। एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराऊंगी। मैं किसी के दबाव में आने वाली नहीं हूं। न ही अभी कोई सन्यास लेने वाली नहीं हूं। मायावती ने खासकर मुस्लिमों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने सभी धर्मों व वर्गों का खास ख्याल रखा है। मुस्लिमों ने भी बसपा को वोट दिया और लोगों को टिकट भी दिया गया। भले ही छवि खराब की गई हो, लेकिन मेरे शासनकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ है।
मायावती ने आज फिर सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वो किसी भी कीमत पर सपा को जीतने नहीं देंगी। वो सपा को हराने के लिए किसी का भी समर्थन कर सकती हैं।
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बता दें कि इससे पिछली प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने यहां तक कह दिया था कि सपा को हराने के लिए वो बीजेपी को भी वोट दे सकती हैं, जिसके बाद बीजेपी ने इस मायावती के इस बयान पर कहा था उन्हें मायावती की हिमायत की जरूरत नहीं है।