Sunday - 7 January 2024 - 8:43 AM

पोस्टर पर भड़के मौलाना

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

लखनऊ के सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलनकारियों की तस्वीरों को चौराहों पर लगाए जाने को लेकर मामला गरमाता नजर आ रहा है। एक ओर जहां राजनीतिक दल इसे मुद्दा बनाने में लगे हैं वहीं दूसरी ओर मुस्लिम धार्मिक गुरु पोस्टर लगाए जाने से खासे नाराज हैं।

शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि, हमको दिखाया जाय कहा पर मैं हिंसा कर रहा था। हमारे पास कोई इत्तेला नही आयी और शहर में होर्डिंग्स लगाये जा रहे है। बडे इमामबाडे के पास मैं मौजूद था वहां कोई झगड़ा नही हुआ।

यह भी पढ़ें : मार्च अंत तक कई जिलों के कप्तान भी बदले जाएंगे

उन्होंने कहा कि, मामले में राजनीति हो रही रही है और उनकी आवाज़ को दबाया जा रहा है। मौलाना ने पूछा कि, कैसे काम हो रहा है और किसके दबाव में हो रहा है ?

वहीं ऐशबाग ईदगाह के इमाम वरिष्ठ धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि पब्लिक प्लेस पर आम शहरी की फोटो लगाना बेसिक ह्यूमेन राइट्स वायलेशन है। हुकूमत और जिम्मेदारों को चाहिए कि ऐसे फ़ोटो को पब्लिक प्लेस से फौरन हटाए।

उन्होंने कहा कि, यह आम शहरी हैं कोई क्रिमनल नही अदालत जो फैसला करे उसपे होना अमल चाहिये।

योगी को खुद से उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए

कांग्रेस ने इसे अपने विरोधियों के चरित्र हनन की आपराधिक और षड्यंत्रकारी राजनीति बताया है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिन कथित आरोपियों की जमानत पर सुनवाई के समय अदालत ने योगी सरकार और पुलिस को ही कटघरे में खड़ा किया, जिनके खिलाफ सरकार कोई कमजोर सबूत भी नहीं दे पाई उन लोगों के नाम का पोस्टर किसी अपराधी की तरह शहर में चस्पा करा कर सरकार ने खुद अदालत की अवमानना की है जिसे अदालत को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कई फैसलों में माननीय अदालत ने कहा कि पुलिस प्रशासन या जिला प्रशासन यह तय नहीं कर सकता कि कितनी संपत्ति का नुकसान हुआ और किसने नुकसान किया। यह काम अदालत का है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के ऊपर खुद गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ सिद्धार्थ नगर में दंगा, आगजनी के मुकदमे दर्ज हैं जिनमें आम लोगों का करोड़ों का नुकसान हुआ था। अगर क्षतिपूर्ति का यही तरीका उचित है तो सबसे पहले इसकी शुरुआत योगी को खुद से करके उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

क्या है मामला

बता दें कि लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद यूपी सरकार की कार्रवाई जारी है। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उपद्रवियों के पोस्टर लखनऊ के चौराहों पर लगाए जा रहे हैं। इन पर प्रदर्शन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इनमें से कई आरोपियों को संपत्ति के नुकसान की वसूली का नोटिस दिया जा चुका है। लखनऊ के हजरतगंज चौराहे के अलावा इस तरह के कई पोस्टर शहर के अन्‍य इलाकों में लगाए गए हैं।

यह भी पढ़ें : ‘सीएए विरोधी नाटक राजद्रोह नहीं’

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ में 19 दिसम्बर को हिंसा की घटना हुई थी। वैसे ठाकुरगंज और कैसरबाग क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से वसूली का आदेश जारी हो चुका है।

इस मामले में लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि हिंसा फैलाने वाले सभी के लखनऊ में पोस्टर व बैनर लगाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि इन आरोपियों की संपत्ति कुर्क की जाएगी। प्रशासन का उद्देश्य इनके चेहरे को बेनकाब करना है।

यह भी पढ़ें : Corona के खौफ से टले देश- दुनिया के ये 10 बड़े समारोह

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com