Tuesday - 9 January 2024 - 5:33 PM

गोडसे, महात्मा गांधी और मध्य प्रदेश

हेमेन्द्र त्रिपाठी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का हत्यारा नाथुराम गोडसे एक बार चर्चा में हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में गोडसे की पूजा को लेकर सियासी बवाल अभी थमा भी नहीं था कि यहां के प्रोटेम स्पीकर ने गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि देश का विभाजन महात्मा गाँधी की भूल की वजह से हुआ।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी और उनके हत्यारे गोडसे को लेकर विवादित बयान नेताओं ने दिए हैं। इससे पहले साल 2019 में भोपाल से लोकसभा चुनाव जीत कर आई सांसद साध्वी प्रज्ञा ने भी गोडसे को लेकर विवादित बयान दिया था। जिसके बाद बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी।

भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि गोडसे ने गांधी जी की हत्या की थी, लेकिन वह भी देशभक्त थे। साध्वी के बयान के बाद पीएम  मोदी ने कहा था कि वह कभी भी उन्हें दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। उनके इस बयान पर जमकर बवाल हुआ था। अपने बयान पर बवाल मचने के बाद प्रज्ञा ने दावा किया कि उनका बयान गोडसे के लिए नहीं था।

उन्होंने कहा था कि, ‘यह नाथूराम गोडसे के लिए नहीं था। मैंने ए. राजा को तब टोका जब उन्होंने उधम सिंह का नाम लिया। उसके बाद स्पीकर ने मुझे बैठने के लिए कहा और मैं बैठ गई।

इसके बाद अब मध्य प्रदेश के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। वे राजधानी भोपाल के गांधी नगर इलाके में किसान स्वागत सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि देश का विभाजन महात्मा गांधी की भूल की वजह से हुआ। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो में प्रोटेम स्पीकर कहते हैं, क्या है… नाम से गफलत होती है। दिग्विजय सिंह काम और व्यवहार से जिन्ना से ज्यादा खतरनाक हैं। पहले जिन्ना ने देश विभाजन किया। 1947 में बापू से भूल हुई और देश के दो विभाजन हो गए। वैसा ही विभाजन सिंह करना चाहते हैं।

उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा लंबे समय से महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बनाने की वकालत करता रहा है। इसी कड़ी में उसने एक लाइब्रेरी शुरु की है। रविवार को ग्वालियर में विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर इस लाइब्रेरी का शुभारंभ ग्वालियर में किया गया है। यह लाइब्रेरी गोडसे के जीवन और विचारधारा को समर्पित है।

गोडसे ज्ञानशाला का उद्घाटन दौलत गंज स्थित महासभा के कार्यालय में किया गया। इस लाइब्रेरी में नाथूराम गोडसे ने कैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या की और उनके सभी भाषण और लेख से संबंधित साहित्य मौजूद हैं।

दरअसल इस लाइब्रेरी को खोलने का हिंदू महासभा का उद्देश्य ये है कि दुनिया को बताना है गोडसे कितने सच्चे राष्ट्रवादी थे। महासभा के उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा, ‘लाइब्रेरी को खोलने का मकसद दुनिया को यह बताना है कि गोडसे एक सच्चे राष्ट्रवादी थे। वह अविभाजित भारत के लिए लड़े और मर गए। पुस्तकालय का उद्देश्य उनके सच्चे राष्ट्रवाद को स्थापित करना है जिसे आज के अज्ञानी युवा नहीं जानते हैं।’

भारद्वाज ने कहा, ‘भारत विभाजन जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हुआ था। दोनों एक राष्ट्र पर अपनी हुकूमत चाहते थे, जबकि गोड़से ने हमेशा इसका विरोध किया था।’

इसके बाद इस घटना को लेकर कांग्रेस  ने आपत्ति जताई। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आपत्ति जताते हुए ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही कमलनाथ ने भाजपा और शिवराज सिंह से स्पष्टीकरण भी मांगा कि भाजपा गांधी विचारधारा के साथ है या गोडसे विचारधारा के साथ? इस तरह के कार्यक्रम कैसे आयोजित हुए?

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उन्होंने कहा कि  हमारी सरकार में ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की जाती थी। लेकिन यह शर्मनाक है कि भाजपा सरकार में बापू के हत्यारे का महिमामंडन किया जा रहा है। उसे हीरों की तरह प्रचारित किया जा रहा है और जिम्मेदार मौन है?

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