Wednesday - 10 January 2024 - 6:36 AM

यूपी कांग्रेस की ‘किसान न्याय यात्रा’ का हुआ आगाज

जुबिली न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों को किसानों के हितों पर कुठाराघात करने और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला करार दिया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मौजूदा तीनों कृषि कानूनों से किसानों का नहीं बल्कि देश के बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ होगा।

यह कानून किसानों की जमीनें छीनने वाला काला कानून है जिसे हम किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे। पूरे देश में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इस काले कानून के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस पार्टी जब तक इस काले कानून को वापस नहीं करा लेगी तब तक सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रखेगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आज मुजफ्फरनगर बुढ़ाना मोड़ से इन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान न्याय यात्रा की शुरूआत करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार पर किसानों की जमीनें छीनने का आरोप लगाया है।

इसी के तहत मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना मोड़ से सैंकड़ों की संख्या में टैक्टरों की रैली निकाली गयी और इन काले कानूनों का विरोध किया गया। इसके उपरान्त आयोजित एक विशाल किसान रैली को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि मौजूदा कृषि कानून कार्पोरेट खेती सहित बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले कानून हैं।

यह भी पढ़ें : फिर शोक में डूबा सिने जगत, अजय देवगन को ढांढस बंधा रहे फैन्स

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों में एम.एस.पी. का कहीं भी जिक्र नहीं है- 1.कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य कानून 2.मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवाओं पर किसान समझौता 3.आवश्यक वस्तु संशोधन कानून के तहत सब बाजार के हवाले करना किसानों के हितों के खिलाफ सबसे बड़ा विश्वासघात है। जिससे हमारे देश और प्रदेश का किसान सिर्फ मजदूर बनकर रह जायेगा। यह किसानों के साथ अब तक का सबसे बड़ा विश्वासघात है।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि मौजूदा कृषि व्यवस्था को नष्ट कर नये कानूनों को देश के किसानों पर थोपे जाने से हमारे देश की सारी कृषि व्यवस्था ही नष्ट हो जायेगी। इस काले कानून से जहां एक तरफ हमारे देश और प्रदेश के किसान अधिकारविहीन और बेचारा बनकर रह जायेंगे वहीं एक बहुत बड़ा विभाग मंडी परिषद जिसमें लाखों लोग नौकरी से जुड़े हैं और उनके परिवार का भरण पोषण हो रहा है मंडी परिषद और विपणन समितियों का समापन हो जाएगा जिसमें सेवा दे रहे लाखों लाख कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। मंडी परिषद की आय से ग्राम स्तर तक जो विकास कार्य हो रहे हैं वह बन्द हो जायेंगे।

यह भी पढ़ें : ‘राजनीतिक पर्यटन’ यात्रा : सत्ता में हैं तो आलोचना ,विपक्ष में हैं तो न्याय

नये कानून में कृषि उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का जिक्र न होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि सरकार ने कृषि व्यवस्था को पूरी तरह से कार्पोरेट और पूंजीपतियों के हवाले कर दिया है। इससे देश की कृषि व्यवस्था जिसमें 86.4 प्रतिशत किसान जिसकी जोत 2 एकड़ से कम है वह नई प्रतिस्पर्धात्मक व्यवस्था से बाहर हो जायेगा और किसान अधिकार विहीन हो जाएगा उसकी हैसियत मात्र एक मजदूर की हो जाएगी।

यह भी पढ़ें : क्या बिहार चुनाव में मंडरा रहा है आतंक का साया ?

आवश्यक वस्तु अधिनियम की सूची से अनाज, दालें, खाद्य तेल, आलू, प्याज आदि बुनियादी चीजों को बाहर करने से कारोबारी जमा खोरी करना शुरू कर देंगे, कीमतों में अस्थिरता आ जायेगी और देश में कालाबाजारी बढ़ जाएगी जिसका खामियाजा देश की बेहाल परेशान जनता को भुगतना पड़ेगा।

किसान न्याय यात्रा का आयोजन यूपी कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक पंकज मलिक, पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक द्वारा किया गया।

यह भी पढ़ें : सीटों के बंटवारे के बाद उठे सवाल, NDA में बड़ा भाई कौन

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com