जुबिली न्यूज़ डेस्क
कमलनाथ सरकार की मुश्किलें एकबार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं, इस बार उनके खिलाफ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मोर्चा खोला है। दरअसल कमलनाथ सरकार के एक फैसले को लेकर उन आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार लोगों को नशे की ओर धकेलना चाहती है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकार गांजे की खेती को वैध करने जा रही है, इसको लेकर वाणिज्यिक कर विभाग मध्यप्रदेश एनडीपीएस नियम 1985 में बदलाव करेगा। जिसके बाद प्रदेश में अफीम की तरह गांजे की खेती के लिए हर साल लाइसेंस दिया जाएगा। एनडीपीएस नियम 1985 में बदलाव कर इसे शुरू किया जाएगा। ऐसा इंडसकेन कंपनी के प्रस्ताव पर किया जा रहा है।
कंपनी ने गांजे से कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों की दवा बनाने के लिए 1200 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सहमति दे दी है।
बीजेपी ने किया विरोध
बीजेपी कमलनाथ सरकार के इस फैसले के खिलाफ है। बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का आरोप है कि हाल ही में शराब दुकानों के साथ अहाते को खोल सरकार पहले ही लोगों को आसानी से मयखाने उपलब्ध करा रही है। उसके बाद गांजे की खेती से सरकार लोगों को नशे की ओर धकेलना चाहती है। इससे अच्छा होगा कि सरकार भारी बारिश से खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा दे और अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने के बारे में सोचे।
कमलनाथ सरकार का क्या कहना है
इस सम्बन्ध में कमलनाथ सरकार में जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि खेती के कई फायदे हैं। इस खेती से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं बनाई जाएगी।
मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि यह गांजा नहीं बल्कि हेम्प की खेती होती है। देश की बीजेपी शासित राज्य जैसे उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड में भी यह खेती की जा रही है।
उन्होंने बताया कि यह गांजे की ही एक प्रजाति होती है इसकी खेती प्रदेश में कई जगह हो रही है, इस खेती से कैंसर जैसी बीमारियों की दवाएं बनाई जाएंगी। साथ ही कई अन्य असाध्य बीमारियों की दवाएं बनाई जाएंगी। इस से एक नई विधा मप्र में आएगी।
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