Saturday - 6 January 2024 - 1:26 PM

मालवीय जयंती पर जागृति पत्रिका का हुआ विमोचन

स्पेशल डेस्क

लखनऊ। महामना मालवीय मिशन की ओर से बाल निकेतन का वार्षिकोत्सव का आयोजन महामना मालवीय विद्या मंदिर कॉलेज, गोमती नगर में किया गया। इसके तहत मालवीय जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वार्षिक पत्रिका जागृति महात्मा गांधी का विमोचन किया गया है। महामना मालवीय मिशन ने 158वीं महामना मालवीय जयन्ती का आयोजन किया गया।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि प्रो. ओम प्रकाश पाण्डेय, पूर्व संस्कृत-विभागाध्यक्ष, लखनऊ विश्वविद्यालय थे। समारोह की अध्यक्षता महामना मालवीय मिशन, लखनऊ के अध्यक्ष डॉ ए.के. त्रिपाठी जो डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक है ने किया। सबसे पहले मालवीय मिशन के अध्यक्ष डॉ ए.के. त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मालवीय जी जन मानस के प्रेरणाश्रोत है। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होंने समाज सेवा, शिक्षा, संस्कार, पत्रकारिता, वकालत तथा राजनीति सहित अनेकानेक क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ी और आदर्श प्रस्तुत किए। इस अवसर पर सचिव वीपी श्रीवास्तव भी मौजूद थे। उन्होंने सम्बोधन किया।

तत्पश्चात् मालवीय मिशन, लखनऊ शाखा के महासचिव डॉ पी.के.सिंह तथा राष्ट्रीय सचिव आर.एन. वर्मा ने महामना के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु स्थापित मालवीय मिशन का परिचय एवं गतिविधियों की जानकारी दी। दोनों ने बताया कि मालवीय मिशन महामना के बताए रास्तों के अनुरूप सेवा, शिक्षा और संस्कार को विकसित करने के लिए संकल्पित है और तद्नुसार उन क्षेत्रों में कार्य कर रही है।

मुख्य अतिथि प्रो विनय कुमार पाठक जिन्हें अब तक चार विश्वविद्यालयों का कुलपति होने का गौरव प्राप्त है ने अपने सम्बोधन में कहा कि महामना ने बी.एच.यू., जिसकी उन्होनें स्वयं स्थापना की थी में आज से वर्षों पूर्व विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय में सिरेमिक इंजीनियरिंग और मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग को समावेशित किया था जबकि उस समय ये शाखाएं अन्य कहीं नहीं थी और आज प्रोद्यौगिकी में उनका महत्वपूर्ण स्थान हो गया है। यह उनकी दूरदर्शिता को रेखांकित करता है और मालवीय मिशन को उसी के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो ओम प्रकाश पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह विडंबना है कि मालवीय जी का जितना योगदान समाज व देश के प्रति रहा है उसके अनुपात में उन्हें याद नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि वे परम्परा के अनुयायी थे परंतु सामाजिक कुरीतियों और रू?ियों के विरोधी और विकास के पक्षधर थे। उन्होंने अस्पृष्यता का घोर विरोध किया था। इस अवसर पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, वार्षिक पत्रिका जागृति (महात्मा गांधी विशेषांक) का विमोचन हुआ तथा पूर्व में शिक्षा में राष्ट्रवाद की कमी देश की अनेक समस्याओं का मूल कारण है। विषय पर आयोजित अन्तर्विद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता में विजेता विद्यालय रानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल सी-ब्लाक, इन्दिरा नगर तथा अन्तर्विद्यालय गीता शलाका प्रतियोगिता के विजेता विद्यालय महामना मालवीय विद्या मन्दिर इण्टर कालेज, गोमती नगर को वैजयन्ती प्रदान की गई।

 

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