Saturday - 13 January 2024 - 4:09 PM

क्वारंटाइन सेंटरो की बदहाली पर भड़के अखिलेश, सरकार से माँगा खर्च का हिसाब

प्रमुख संवाददाता

लखनऊ. यूपी सरकार ने दूसरे प्रदेशों से आने वालों को क्वारंटाइन सेन्टर में भेजने का फैसला कर कोरोना महामारी पर काफी हद तक रोक तो लगा ली लेकिन क्वारंटाइन सेन्टर अव्यवस्थाओं का सेन्टर बनकर रह गए हैं.

क्वारंटाइन सेन्टरो की बदहाली को ले कर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मोर्चा खोल दिया है।

अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार की न तो मजदूरों की सम्मानजनक वापसी में रुचि है और न ही उनकी ज़िन्दगी को लेकर कोई संवेदना. सरकार ने जनता को भाग्य भरोसे छोड़ दिया है और खुद का राजसुख भोगने में लगी है.

अखिलेश यादव ने क्वारंटाइन सेंटर की दयनीय दशा पर सवाल उठाते हुए उसे यातना शिविर करार दिया. उनका कहना है कि इंसानों को क्वारंटाइन सेंटर में पशुओं की तरह से रखा गया है. सरकार जिस व्यवस्था को फाइव स्टार बता रही है वहां मरीज़ तो छोड़िये डॉक्टर और नर्स तक विरोध जाता चुके हैं.

सपा मुखिया ने सरकार से पूछा है कि वह कोरोना से जंग में खर्च हुए धन का ब्यौरा पेश करे. यह जनता का पैसा है और जनता को हक है कि वह अपने पैसों के खर्च का हिसाब मांगे. गोंडा के क्वारंटाइन सेंटर में 16 साल के लड़के की सांप काटने से मौत हो गई. न कहीं खाने का सही इंतजाम है न रहने और सोने का.

क्वारंटाइन सेन्टर की कुव्यवस्था पर पहले भी उठे है सवाल

क्वारंटाइन सेन्टर का मकसद लोगों के बीच फिजीकल डिस्टेंसिंग बनाना है ताकि संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में न जा सके. शुरू-शुरू में सब ठीक था लेकिन बाद के हालत लगातार बिगड़ते गए. लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में तो भेजा गया लेकिन वहां खाने-पीने का इंतजाम नहीं. बुलंदशहर में भूख से बेहाल 11 लोग खिड़की तोड़कर भाग गए.

प्रधानमन्त्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में साढ़े 14 हज़ार लोगों को क्वारंटाइन किया गया लेकिन वहां नहाने और सोने तक की व्यवस्था नहीं की गई. लोगों को मास्क नहीं दिए गए. मच्छरदानी की व्यवस्था नहीं की गई. हालत यह है कि क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोग भूख लगने पर खुद ही अपने लिए समोसा और बिस्कुट लेने चले गए. कोई देखने वाला नहीं कि क्वारंटाइन किया गया व्यक्ति कहीं चला तो नहीं गया. परेशान लोगों ने हंगामा किया तो एडीएम ने जाकर समझा दिया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के सहजवां क्वारंटाइन सेंटर में सांप निकलने के बाद दहशत फ़ैल गई. तीन फिट लम्बा यह सांप एक बिस्तर पर बैठा हुआ मिला.

यह भी पढ़ें : इंजन फेल होने से पाकिस्तान में विमान क्रैश, 99 लोगों की गई जान

यह भी पढ़ें : दूसरे फेज में पहुंची बस पॉलिटिक्‍स, सचिन पायलट ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

यह भी पढ़ें : सरकार को घेरने के लिए विपक्ष एकजुट

यह भी पढ़ें : देवरिया में सत्ता ने उड़ा दी लाकडाउन की धज्जियां

बलिया के खेजुरी क्वारंटाइन सेंटर में सांप निकलने से अफरातफरी फ़ैल गई. क्वारंटाइन किये गए लोग रात-भर सांप को तलाशते रहे. सुबह उसे ढूंढकर मार दिया गया लेकिन व्यवस्था देखने वाला कोई मौके पर नहीं था.

आगरा के क्वारंटाइन सेंटर में सांप निकलने के बाद लोगों ने पुलिस को भी फोन किया लेकिन कोई नहीं आया. लोगों ने सांप पर पत्थरों से हमला किया तो वह भाग गया.

यह कुछ उदाहरण हैं. कमोबेश क्वारंटाइन सेंटरों की हालत यही है. सड़कों पर पैदल चलते मजदूरों के नाम पर सियासत बस पर सवार है और मजदूर की किस्मत में पैदल सफ़र है.

पैदल सफर के बाद क्वारंटाइन सेंटर वाली सजा भी मिलना तय है. कहीं पानी नहीं है, कहीं सोने का इंतजाम नहीं है, कहीं खाने को पूछने वाला भी नहीं है, तो कहीं सांप का खतरा है. लोगों को डर यह है कि कोरोना से बच गए तो या तो भूख से मरना पड़ेगा या फिर सांप डस लेगा.

कांग्रस महासचिव प्रियंका गांधी ने जहाँ पैदल चल रहे मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था की और वह व्यवस्था सियासत का शिकार होकर मजदूरों को कोई राहत नहीं दे पाई वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश में जहाँ कोरोना का संकट बढ़ रहा है वहीं सरकार की इच्छा शक्ति कमज़ोर हो गई है और प्रशासन का रवैया उदासीन बना हुआ है.

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com