Sunday - 7 January 2024 - 1:26 PM

वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में कोई अल्पसंख्यक नहीं बचेगा !

जुबिली न्यूज़ डेस्क

पाकिस्‍तान में अल्‍पसंख्‍यक बच्चियों के अपहरण की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। कोरोना संकट के दौरान ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की 40 से अधिक युवतियों को अपहरण कर और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के बाद मुसलमान युवकों के साथ शादी करवाई गई है। वहीं अब एक और स‍िख बच्‍ची का अपहरण करके उसे जबरन इस्‍लाम धर्म कबूल कराने का मामला सामने आया है।

पाकिस्तान के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने अब गुरुद्वारा पंजा साहिब के ग्रंथी की बेटी का अपहरण कर लिया है। अपहरण के बाद उसका एक मुस्लिम युवक के साथ जबरन निकाह करवाकर मजहब बदलवा दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाली युवती (22) 31 अगस्त की रात 10 बजे कूड़ा डालने के लिए घर से बाहर गई थी। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटी। जब बेटी का कोई सुराग नहीं मिला तो परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इमरान मसीह नाम के एक ईसाई युवक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की लेकिन कुछ पता नहीं चला।

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अगले दिन पुलिस ने परिवार को बताया कि युवती ने एक मुस्लिम युवक के साथ निकाह कर लिया है। साथ ही कलमा पढ़कर मुसलमान बन गई है। पिता का कहना है कि पुलिस का दावा झूठा है। उसका अपहरण करके उसे जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया है। पिता ने अटक के डिप्टी कमिश्नर के यहां बेटी के अपहरण की शिकायत दी लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई एक्शन लेना गवारा नहीं किया है।

पाकिस्तान के सत्तातंत्र से निराश होकर पिता ने अब भारत से मदद की गुहार लगाई है। पिता ने कहा कि हमने भारत के पाकिस्तान डेस्क के संयुक्त सचिव जेपी सिंह से इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाने की अपील की है।

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पिता ने आशंका जताई कि उनकी बेटी का हाल भी जगजीत कौर जैसा हो सकता है। जगजीत कौर का भी अपहरण कर जबरन मुस्लिम युवक से निकाह और धर्म परिवर्तन करवा दिया गया। उसके बाद से वह आज तक परिवार को नहीं मिली है।

जगजीत कौर को लेकर मचा था बड़ा हंगामा

बता दें कि जगजीत कौर जिसे जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाकर उसका नाम आयशा बीबी रख कर उसकी शादी मोहम्मद एहसान नामक युवक से करवाई गई थी। जगजीत कौर के पिता भगवान सिंह के अनुसार अब उनके परिवार का पाकिस्तान में रहना कठिन ही नहीं असंभव हो गया है।

भगवान सिंह का यह भी कहना है कि पाकिस्तान सरकार के उच्चाधिकारी उन्हें लगातार एक वर्ष तक अंधेरे में रख कर यह आश्वासन देते रहे कि उनकी बेटी उन्हें सौंप दी जाएगी परंतु इसकी बजाय उनकी बेटी को उनके विरोधियों के साथ भेज दिया गया है जहां वह सुरक्षित नहीं है।

भगवान सिंह ने डी.सी.ओ. ननकाना साहिब को लिखे पत्र में कहा है कि ‘यदि धर्मांतरण की परम्परा इसी तरह जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में कोई अल्पसंख्यक नहीं रहेगा।’

मात्र 4 प्रतिशत अल्पसंख्यक बचे हैं

पाकिस्तान में हिन्दू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक ईसाई, अहमदी, बौद्ध, जैन तथा पारसी आदि समुदायों के लोग जाति और धर्म के आधार पर भारी भेदभाव के शिकार हैं और इसी का परिणाम है कि बंटवारे के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब मात्र 4 प्रतिशत ही रह गए हैं। आज पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की कन्याओं का बड़े पैमाने पर अपहरण और धर्मांतरण करके उनका विवाह मुसलमान युवकों से करवाने के अलावा अल्पसंख्यकों पर तरह-तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩ के मामले समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठते रहे हैं। ब्लूचिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर ‘यूरोपीय संसद अनुसंधान सेवा’ (ई.पी.आर.एस.) ने जून की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ‘देश में हिन्दू और सिख समुदायों के अलावा ‘शिया हजारा समुदाय’, ‘जकिरी समुदाय’ भी प्रताडऩा का शिकार हो रहे हैं जिनमें शिया हजारा समूह सर्वाधिक प्रताडि़त हो रहा है।’

इससे पूर्व मई महीने में भी धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी आयोग (यू.एस.सी.आई.आर.एफ.) ने कहा था किपाकिस्तान में अल्पसंख्यक धर्मों से संबंधित लोगों की सुरक्षा खतरे में है। उनका विभिन्न तरीकों से उत्पीडऩ और सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।

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