जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बीच कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए इस्तेमाल के लिए केंद्र सरकार की ओर से आरोग्य सेतु ऐप को बढ़ावा दिया गया है।
अब चूंकि आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट कहती है कि इसे नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने डेवलप किया है, लेकिन इस ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई में दोनों ने कहा है कि यह ऐप को किसने डेवलप किया है इसकी कोई भी जानकारी नहीं है। आयोग ने इस नोटिस का जवाब 24 नवंबर तक देना का वक्त दिया है।
केंद्रीय सूचना आयोग ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र राष्ट्रीय ई- गवर्नेंस डिवीजन और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
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रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारियों द्वारा आरोग्य सेतु को बनाने को लेकर आरटीआई दाखिल कर पूछे गए सवाल के जवाब में टालने वाला जवाब दिया गया। इन सभी पर आरोग्य सेतु ऐप से जुड़ी एक आरटीआई के जवाब देने में प्रथमदृष्टया बाधा बनने और स्पष्ट जवाब ना देने का आरोप है।
आयोग ने इन सभी मंत्रालयों और विभागों से नोटिस जारी कर ये पूछा है कि कोरोना काल में अपनी जिंदगी बचाने के लिए जिस आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करोड़ों लोग कर रहे हैं, उस ऐप को लेकर आरटीआई में पूछे गए सवाल का साफ जवाब क्यों नहीं दिया गया। आयोग ने इस नोटिस में पूछा है कि आरटीआई अधिनियम की धारा 20 के तहत उन पर जुर्माना क्यों ना लगाया जाए।
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केंद्रीय सूचना आयोग ने ये नोटिस शिकायतकर्ता सौरव दास द्वारा दायर शिकायत के बाद भेजा। सौरव ने अपनी शिकायत में कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु बनाने की प्रक्रिया, इसके निर्माण से संबंधित फाइलें आदि की जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा ऐप बनाने में और यूजर्स का पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल नहीं होगा, इसके बारे में ऑडिट देने में किसने इनपुट दिया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई।
सौरव के जवाब में NIC ने कहा वो ऐप के निर्माण के बारे में जानकारी नहीं रखता। एनआईसी को ऐप पर डेवलपर के तौर पर क्रेडिट दिया जाता है। जबकि राष्ट्रीय ई- गवर्नेंस डिवीजन ने कहा कि इससे संबंधित जानकारी उनके विभाग से संबंधित नहीं है।
वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारियों ने कहा जहां एप्लिकेशन के निर्माण की जानकारी मिलती है, उसके लिए स्पष्टीकरण नहीं दिया जा सकता।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने ये भी कहा कि यह नहीं बताया जा सकता कि ऐप कैसे बनाया गया। साथ ही इसके बनने के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। मंत्रालय सिर्फ ये कह सकता है कि इस ऐप को नीति आयोग के सुझावों के साथ बनाया गया है।
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केंद्रीय सूचना आयोग ने इस जवाब को अत्यंत असंगत बताया। आयोग ने पूछा है कि क्यों ना इस जवाब के लिए उनपर सूचना के अवरोध के लिए आरटीआई अधिनियम की धारा 20 के तहत जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। आयोग ने इस नोटिस का जवाब 24 नवंबर तक देना का वक्त दिया है।
कोरोना काल में हर शख्स को केंद्र सरकार की हर गाइडलाइन में आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करने की सलाह होती है, लेकिन अब इस ऐप को लेकर अब जो खुलासा हुआ है उसे जानकर हर कोई हैरान है।
दरअसल सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि उनके पास ये जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु ऐप को किसने बनाया है। अब देखने वाली बात ये है कि सबकी खबर रखने वाली सरकार को कब होगी अपने ऐप की खबर।
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