न्यूज डेस्क
राजस्थान का कोटा चर्चा में है। वैसे तो कोटा इंजीनियरिंग की कोचिंग की वजह से चर्चा में रहता है लेकिन इस बार वजह बहुत संवेदनशील है। यहां अब तक 100 नवजात काल के गाल में समा गए। माहौल गमगीन है लेकिन नेता राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं । इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरु हो गई।
राजस्थान के मुख्यमंत्री विपक्षी दलों के नेताओं के निशाने पर हैं। इस मामले में सोशल मीडिया पर भी नेता हुंकार भर रहे हैं। फिलहाल इस मामले में सीएम गहलोत ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि सरकार संवेदनशील है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं। #NirogiRajasthan हमारी प्राथमिकता है।
मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।
3/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
गौरतलब है कि कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के आखिरी दो दिनों में यहां नौ और बच्चों की मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर सौ तक पहुंच गया है। अस्पताल के सुप्रिटेंडेंट के मुताबिक नवजातों की मौत का मुख्य कारण उनका जन्म के वक्त कम वजन होना है।
राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी।
2/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
ट्विटर पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के आईसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी। स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है।
स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में इम्प्रूवमेंट के लिये तैयार हैं। #NirogiRajasthan हमारी प्राथमिकता है।
मीडिया किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।
3/— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 2, 2020
गहलोत ने कहा कि हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में बेहतरी के लिए तैयार हैं। निरोग राजस्थान हमारी प्राथमिकता है। मीडिया किसी भी दबाव में आए बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।
गहलोत को ओम बिरला ने भेजा पत्र
लोकसभा अध्यक्ष और कोटा सांसद ओम बिरला ने कोटा में हुई बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र भेजकर चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने का आग्रह किया है। बिड़ला ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुन: स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढ़ती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने के लिए आग्रह किया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने के लिये आग्रह किया।@ashokgehlot51 @RajCMO
— Om Birla (@ombirlakota) January 2, 2020
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष को सोनिया ने किया तलब
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष अविनाश पांडे को तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक, कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर दुख जाहिर करते हुए सोनिया ने पांडे के माध्यम से राज्य सरकार को यह संदेश दिया कि इस मामले में और ठोस कदम उठाए जाएं।
यह भी पढ़ें : इक्ष्वाकुपुरी का होगा फिर उदय!
यह भी पढ़ें :तो क्या मोदी के चेहरे पर दिल्ली में चुनाव लड़ेगी बीजेपी
यह भी पढ़ें : संजय राउत के फेसबुक पोस्ट से बढ़ा सस्पेंस