Thursday - 11 January 2024 - 5:27 PM

रोजाना 900 कुंतल गोबर बेच सकेंगे वाराणसी के गौ पालक

जुबिली न्यूज़ ब्यूरो

लखनऊ. वाराणसी के शाहंशाहपुर में 23 करोड़ की लागत से करीब सात एकड़ क्षेत्र में बायोगैस प्लांट बनाया गया है. इस प्लांट से 3150 किलो प्रतिदिन सीबीजी का उत्पादन किया जायेगा. इसकी वजह से एक तरफ प्रदूषण से राहत मिलेगी तो दूसरी तरफ सीबीजी के इस्तेमाल से उद्यमी करीब 5 प्रतिशत की बचत भी कर सकते हैं. गैस के साथ तरल और ठोस फ़र्टिलाइज़र का भी उत्पादन किया जायेगा. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और इसकी वजह से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी.

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वाराणसी में  कंप्रेस्ड बायो  गैस का उत्पादन शुरू कर दिया है. इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है. वाराणसी के शाहंशाहपुर में करीब सात एकड़ में बायोगैस प्लांट बनाया गया है. इस योजना में गौ पालकों से गोबर खरीदने से उनकी आमदनी बढ़ेगी, लोगों को रोज़गार मिलेगा. कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन से पर्यावरण को फायदा मिलेगा. साथ ही कच्चे तेल व गैस आयात पर निर्भरता कम होगी. फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी.

योगी आदित्यनाथ की सरकार वाराणसी में सीएनजी से वाहन व गंगा में मोटर बोट चलाने के साथ ही अब कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन भी शुरू कर चुकी है. काशी में गोबर गैस प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया है. इसका पहला फेज़ सीबीजी का उत्पादन सफ़लतापूर्वक काम करने लगा है. गोबर, प्रेस मड ( चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ) व नेपियर घास से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन हो रहा है. शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में ये प्लांट सात एकड़ में लगा है. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 23 करोड़ है.

सीबीजी  के स्थानीय उत्पादन से लोगों को आर्थिक फायदा होगा और शहर भी प्रदूषण से बचेगा. इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनाई जायेगी. जिसमें ठोस और लिक्विड जैविक खाद बनेगी. जो ऑर्गेनिक खेती के काम आएगी. इस योजना से किसानों की आय बढ़ने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रहेगा.  इस प्लांट से मुख्यतः लिक्विड और ठोस खाद से कई प्रकार की और खाद बनाई जायेगी. जो अलग-अलग फ़सल के उत्पादन में सहायक होगी.

इससे लम्बे समय तक भूमि की उर्वरता के साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी. प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेण्टर भी बनाया गया है. यहाँ किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रख सकेंगे.  प्लांट को संचालित करने वाली अडानी टोटल गैस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजर विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस ,एलपीजी से काफी सस्ती है. रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई सीबीजी से चलाना बेहद सस्ता होगा. उद्यमी इसके इस्तेमाल से करीब 5 प्रतिशत की बचत कर सकते हैं. सीबीजी  से गाड़ी चलाना भी सस्ता है. सीबीजी सीएनजी की ही तरह ही  प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है.

विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि 23 करोड़ रुपये की लागत से करीब सात एकड़ बने 3150 किलो गैस उत्पादन क्षमता वाले प्लांट से प्रतिदिन जैविक खाद का भी उत्पादन होगा. इसमें 55 हजार लीटर तरल खाद और 18 हजार ठोस जैविक खाद का उत्पादन होगा. प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी.

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