जुबिली स्पेशल डेस्क
केरल के वायनाड जिले में मेप्पडी के पास पहाड़ी इलाकों में आज तडक़े भारी भूस्खलन देखने को मिला है। जिसके बाद वहां की स्थिति काफी खतरनाक हो गई है और हर तरफ तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है।
इतना ही नहीं सैकड़ों लोगों के मलबें में दबे होने की खबर है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा है कि फायरफोर्स और एनडीआरएफ टीमों को प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गई है और लोगों को राहत देने का काम कर रही है।
एनडीआरएफ की एक और टीम वायनाड पहुंच है। इसके साथ ही सेना भी वहां पहुंचकर सारी स्थिति को संभालने में जुट गई है।
तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. इस बीच राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि मृतकों की संख्या बढक़र 43 हो गई है. छह शवों को मेप्पाडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 5 को एक निजी मेडिकल कॉलेज में लाया गया है।
बताया जा रहा है कि इस वजह से कई गांव गायब हो गए है जबकि सडक़ें बह गईं और पुल, नदियों में शव बहते हुुए साफ देखे जा सकते हैं। केरल के वायनाड में जब लोग मंगलवार को उठेे तो उनका सामाना मौत से हुआ।
बताया जा रहा है कि बारिश ने जैसी रफ्तार पकड़ी वैसे ही चूरलमाला गांव का एक बड़ा हिस्सा शहर के सबसे भीषण भूस्खलन में बह गया. बचावकर्मी, जिन्हें जीवित बचे लोगों की मदद के लिए लगाया गया था, उनका कहना है कि उन्हें अंदाजा ही नहीं था कि आपदा कितनी बड़ी है। लोगों की माने तो रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच इलाके में एक के बाद एक 3 भूस्खलन हुए।
भारी भूस्खलन के बाद दुकानों और वाहनों सहित चूरलमाला शहर का एक हिस्सा लगभग पूरी तरह से खत्म हो गया। भूस्खलन एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। इसका नतीजा ये हुआ कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्?या 43 हो गई है और ये बढ़ जाये तो इसमें हैरानी नहीं हो सकती है।