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बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे जसवंत सिंह

जुबिली न्यूज़ डेस्क

पूर्व कैबिनेट मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक जसवंत सिंह का निधन हो गया है। वह 82 साल के थे और करीब पिछले छह साल से कोमा में थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्‍व वाली सरकार में उन्‍होंने रक्षा, विदेश और वित्‍त जैसे मंत्रालयों का कार्यभार संभाला।

उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है। पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि सिंह को राजनीति और समाज पर उनके अनोखे नजरिए के लिए याद किया जाएगा। साथ ही उनके निधन पर मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

बीजेपी के कद्दावर नेता में से एक जसवंत सिंह 1980 में वह पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद उन्हें 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री चुना गया। लेकिन ये सरकार जयादा दिन नहीं चल सकी और जसवंत सिंह सिर्फ 15 दिन ही वित्तमंत्री रहे और सरकार गिर गई। दो साल बाद 1998 में दोबारा वाजपेयी की सरकार बनने पर उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया।

मिला सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान

दुबारा वाजपेयी सरकार आने पर विदेश मंत्री बनाये जाने पर उन्होंने भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने का अथक प्रयास किये। इसके बाद साल 2000 में उन्होंने भारत के रक्षामंत्री का कार्यभार भी संभाला। इसके बाद उन्हें 2001 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का सम्मान मिला। फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा के स्थान पर उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया और मई 2004 तक उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में कार्य किया।

जब पार्टी से किया गया निष्कासित

साल 2009 को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस आई। उनकी इस किताब पर खासा बवाल हुआ। नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया।

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हालांकि कुछ दिनों बाद लालकृष्ण आडवाणी के प्रयासों से पार्टी में उनकी सम्मानजनक वापसी भी हो गई। उन्होंने पार्टी में वापसी तो कर ली लेकिन वो कभी मुख्य चेहरा नहीं बन सके और उन्हें नेपथ्य में धकेल दिया गया।

यहां तक साल 2014 में जब लोकसभा चुनाव हुए तो उन्हें पार्टी ने सासंदी का टिकट देना भी उचित नहीं समझा। यही नहीं एक बार फिर उन्हें अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया गया।

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