जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के ‘जय गुजरात’ के नारे ने पहले ही राजनीतिक ताप बढ़ा दिया था, अब उनके ही गुट के सांसद प्रताप जाधव ने एक और चिंगारी लगा दी है। जाधव ने मुंबई को कभी गुजरात की राजधानी बता दिया, जिसके बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
क्या कहा प्रताप जाधव ने?
रविवार को मीडिया से बातचीत में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री और शिंदे गुट के सांसद प्रताप जाधव ने कहा:”गुजरात हमारा पड़ोसी राज्य है, पाकिस्तान नहीं। और मुंबई संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान गुजरात की राजधानी भी रही है।”उनका इशारा 1960 के पहले बॉम्बे स्टेट (Bombay State) की ओर था, जो महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों में बंटा हुआ था।
विपक्ष का पलटवार: ‘इतिहास मत तोड़ो’
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प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना-UBT, राज्यसभा सांसद) ने जाधव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“यह वही आदमी है जिसने ’50 खोखे’ के लिए अपनी पार्टी को धोखा दिया। अब यह इतिहास को तोड़-मरोड़कर अपने आकाओं को खुश कर रहा है।”
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आदित्य ठाकरे ने जाधव के बयान को “महाराष्ट्र के प्रति नफरत” करार दिया।
विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब पुणे के एक कार्यक्रम में एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण का अंत “जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय गुजरात” से किया।
बस यहीं से विपक्ष ने हमला शुरू कर दिया और शिंदे पर “सत्ता के लिए झुकने” और “महाराष्ट्र की अस्मिता से समझौता करने” का आरोप लगाया।
फडणवीस का बचाव
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे का बचाव करते हुए कहा:“सिर्फ जय गुजरात कहने से कोई गुजरात समर्थक नहीं हो जाता। शिंदे महाराष्ट्र को भी उतना ही मानते हैं।”
पृष्ठभूमि: मुंबई और बॉम्बे स्टेट विवाद
1960 में महाराष्ट्र और गुजरात का गठन होने से पहले मुंबई बॉम्बे स्टेट का हिस्सा थी। लेकिन उसे कभी “गुजरात की राजधानी” नहीं कहा गया। उस समय मुंबई को लेकर दोनों राज्यों में संघर्ष हुआ था और अंततः संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के बाद मुंबई महाराष्ट्र का हिस्सा बनी।