1984 सिख दंगों पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर सैम पित्रोदा के बयान से पार्टी को अलग किया और उनसे मांफी मांगने के लिए कहा है।
राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में 1984 दंगों को दुखद त्रासदी बताया। उन्होंने कहा इस मामले में न्याय अवश्य होना चाहिए। फेसबुक पर लिखा गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिए। साथ ही कहा कि सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह पहले ही इसके लिए माफी मांग चुके हैं। सिख दंगों के पीड़ितों के साथ हम हैं और उन्हें न्याय दिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
https://www.facebook.com/rahulgandhi/posts/704068710027520
सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने कहा कि हमने अपने नेताओं से संवेदनशील और संभलकर बयान देने की अपील की है. कांग्रेस ने कहा कि हमारा मानना है, कि 1984 के सिख दंगों की ही तरह 2002 के गोधरा दंगों के पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए। किसी भी जाति, धर्म या पंथ के खिलाफ किए गए नरसंहार का कांग्रेस समर्थन नहीं करती है।
Congress party issues statement over Sam Pitroda's remark on 1984 anti-Sikh riots. States, '…We continue to support the quest for justice for 1984 riot victims. Any opinion remark made by any individual to the contrary including Sam Pitroda is not the opinion of Congress party' pic.twitter.com/Yd1rxfYCYe
— ANI (@ANI) May 10, 2019
बीजेपी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने टिकट दे दिया, लेकिन हमने 1984 दंगों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की।
पित्रोदा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी भाजपा हमलावर हो गई थी। शुक्रवार को अपनी चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री ने सैम पित्रोदा के सहारे 1984 दंगों को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था।
सैम पित्रोदा का बयान ?
सैम पित्रोदा ने सिख दंगों से जुड़े सवाल पर कहा था, “अब क्या है 84 का? आपने पांच साल में क्या किया, उसकी बात करिए. 84 में जो हुआ वो हुआ, आपने क्या किया।” जब उनके बयान पर विवाद हुआ तो सफाई देते हुए पित्रोदा ने ट्वीट किया था, “उस वक्त सिख भाइयों और बहनों को हुए दर्द को महसूस कर सकता हूं। भाजपा मेरे इंटरव्यू के तीन शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। वे हमें बांटना और अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं।”
कांग्रेस ने सैम पित्रोदा से खुद को अलग कर लिया था। फिर पित्रोदा ने शुक्रवार को कहा कि “मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, मेरी हिंदी खराब है इसलिए इसे गलत समझ लिया गया. मेरा मतलब था कि ‘जो हुआ वो बुरा हुआ’।मैं बुरा को ट्रांसलेट नहीं कर पाया।”