जुबिली न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को 70वें संविधान दिवस के मौके पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। संविधान दिवस पर आयोजित इस समारोह में उपराष्ट्रपति एम। वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
Speaking in Parliament on #ConstitutionDay. Watch https://t.co/snTemTIFze
— Narendra Modi (@narendramodi) November 26, 2019
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी अपने ट्विटर पर मिलने वाली मित्र देशों के प्रमुखों की बधाई पर धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं लेकिन ट्विटर पर ही सबसे ऊपर जो शब्द ट्रेंड कर रहा है वो है #संविधान_बदल_दो_मोदी_जी।
गौरतलब है कि बदलते दौर में सोशल मीडिया का महत्व बढ़ गया है। आज सोशल मीडिया का प्रभाव इतना है कि मीडिया पर खबर आने के बाद किसी मामले में कार्रवाई होने पर देरी हो सकती है लेकिन मामला सोशल मीडिया पर चर्चित हो जाए तो आनन-फानन में कार्रवाई होती है।
Our Constitution says – Right to equality!!
Then why no equality for upper caste?#संविधान_बदल_दो_मोदी_जी
— Amit Shrivastava (@lalaamit498) November 26, 2019
ऐसे में ट्विटर पर संविधान बदलने की मांग उठना और सबसे ऊपर इसका ट्रेंड करना कई सवाल खड़े करता है। आखिर ये लोग कौन हैं जो संविधान दिवस के दिन ऐसी मांग उठा रहे हैं ? इनकी मंशा क्या है ? क्या आरक्षण को लेकर जल्दी ही कोई बड़ा फैसला होने वाला है या फिर ये महज एक खुराफात है। फिलहाल इन सवालों के जवाब जब मिलेंगे तब मिलेंगे लेकिन ऐसी मुहीम पर गंभीरता से सोचने की जरुरत है।
गृह मंत्रालय को सोशल मीडिया को लेकर सावधान रहने की भी जरुरत है क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह सोशल मीडिया ने अपनी पहुंच लोगों तक बनाई है उसके बाद यह भी ध्यान देने की आवश्यकता है कि कहीं कोई ऐसी घटना न घटित होने पाए जिससे देश किसी मुसीबत में पड़ जाए।
#संविधान_बदल_दो_मोदी_जी
Private Companies are more successfull than Government companies in India because there are NO RESERVATION policy in private conpanies.#संविधान_बदल_दो_मोदी_जी @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/wQUKxAphFn— POWERFUL INDIAN (@powerful_in) November 26, 2019
बता दें कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, जिस दिन भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने से पहले 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया था। संविधान सभा के सदस्यों का पहला सेशन 9 दिसंबर 1947 को आयोजित हुआ। इसमें संविधान सभा के 207 सदस्य थे। संविधान की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे। इन्हें भारत के संविधान का निर्माता भी कहा जाता है।
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