सुरेन्द्र दूबे पूरा भाषण बड़ी गंभीरता से सुना। हम उनका भाषण सुनते-सुनते समझ गये है कि वह जो कहते हैं उसे समझने के लिए सिर्फ दिमाग से काम लेना चाहिए। जैसे ही आपने दिल से समझने की कोशिश की समझ लीजिये उनके वाक जाल में फंस गए। वे हर समय …
Read More »जुबिली डिबेट
इस लेख की हेडिंग आप बनाइये
उत्कर्ष सिन्हा सुबह सुबह घर के बाहर सकुचाया हुआ आदमी देखा, साईकिल की हैंडील पर पानी की एक बोतल टंगी थी और आगे एक नन्हा बच्चा बैठ था। धीरे से आवाज आई । कुछ खाने को मिल जाएगा ? ये आवाज उसके आँखों के सूनेपन से सिन्क्रॉनईज थी। खाने का …
Read More »कोरोना की लड़ाई में कहां खड़ा है आस्ट्रेलिया ?
आस्ट्रेलिया में बेरोजगारी दर 5.2% से बढ़कर हुई 6.2% दुनिया के बाकी देशों में बेहतर स्थिति में है आस्ट्रेलिया 60 लाख ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को सरकार से मिल रही है पे सब्सिडी अर्चना राय कोरोना महामारी कब खत्म होगी किसी को नहीं मालूम, पर यह तो तय है कि जब कोविड …
Read More »मात्र अनुशासन और एहतियातों तक सीमित होगा चौथा लॉकडाउन
लास्ट एक्जाम 4u ‘लॉकडाउन 4’ डिसिप्लिन 4u ‘लॉकडाउन 4’ लॉकडाउन चार में बस अनुशासनहीता ही लॉक रहेगी अनुशासनहीता को घर में कैद रखकर जिंदगी को पटरी पर लाने देगा लॉकडाउन 4 नवेद शिकोह कोरोना से लड़ाई लम्बी चलेगी। जान और माल के खतरों से बचने के लिए कोई भी देश …
Read More »सिंगापुर : कोरोना की लड़ाई में कहां हुई चूक
कोरोना वायरस की लड़ाई में पिछड़ गया सिंगाुपर तीन लाख से ज्यादा विदेशी कामगारों का कोविड-19 टेस्ट कराएगा सिंगापुर कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रहा है तेजी से इजाफा प्रियंका परमार एक वक्त था जब कोरोना संक्रमण के मामलों पर काबू पाने के लिए दुनिया भर में सिंगापुर मॉडल …
Read More »उत्तर कोरोना काल में क्या होगा वैश्वीकरण का भविष्य ?
डा. मनीष पांडेय वैश्वीकरण की प्रक्रिया के विस्तार में मूल आर्थिक पक्ष के सापेक्ष ही स्थानीयता और राजनीतिक समीकरण का भी महत्व है। कोरोना संकट के उत्तर काल में वैश्वीकरण से सम्बंधित परिदृश्य व्यापक रूप से बदलेगा। वैश्वीकरण ने विश्व स्तर पर सामाजिक-आर्थिक बदलाव करते हुए व्यक्ति के जीवन स्तर …
Read More »मदर्स डे मनाना तो अहसान फरामोशी है
शबाहत हुसैन विजेता आज मदर्स डे है. दुनिया माँ को विश कर रही है. माँ जो पैदा करती है. माँ जो परवरिश करती है. माँ जो जीना सिखाती है. माँ जो रिश्तों की पहचान करवाती है. माँ जिसके पाँव तले जन्नत है. माँ जिसके लिए औलाद एक मन्नत है. माँ …
Read More »कोरोना काल के बाद क्या बदल जाएगा राजनीति का तौर तरीका ?
उत्कर्ष सिन्हा मायावती और मोदी की वो लाखों की भीड़ वाली रैलियां क्या अब अतीत के किस्से रह जाएंगे ? भीड़ भरे शहरों की सड़कों पर होने वाले रोड शो का दौर क्या खत्म हो चुका है ? कोरोना संक्रमण ने पूरे देश को एक नया शब्द समझा दिया है …
Read More »जंगलों को बचाने की जिम्मेदारी किसकी?
30 सालों में 17.8 करोड़ हेक्टेयर जंगल हुए खत्म वर्ष 2019 में आपदा के कारण 2.49 करोड़ लोग अपने ही देश के भीतर शरणार्थी बन गए दुनिया के करीब 54 फीसदी जंगल केवल पांच देशों में हैं पृथ्वी के के करीब 406 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र पर फैले हैं जंगल अभिनव …
Read More »चिट्ठी आई है, वतन से चिट्ठी आई है
सुरेन्द्र दूबे आज हमें वर्ष 1986 में रिलीज हुई फिल्म ” नाम ” के एक मशहूर गाने की बड़ी याद आ रही है- चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है। ये गीत आनंद बक्शी ने लिखा था और इसे गाया था मशहूर गजल गायक पंकज उधास नें। पूरे देश …
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