Monday - 22 January 2024 - 2:27 AM

जुबिली डिबेट

“सर्वनाश” होने तक हम सिर्फ सवाल उठाएंगे !

शाहीनबाग़ पिछले पांच दिनों से मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब अब वहां भी ऐक्शन की सुगबुगाहट, सवाल तो उठेंगे राजीव ओझा ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। जबतक स्थिति बेकाबू नहीं हो जाती, दर्जनों जान नहीं चली जाती और अरबों की संपत्ति नष्ट नहीं हो जाती तबतक हम एक्शन में …

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सोनिया गांधी की इच्छा पूरी होना अब आसान नहीं

केपी सिंह कांग्रेस के लिए यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण दौर है। दिल्ली विधान सभा के चुनाव परिणाम में देश की मध्यमार्गीय राजनीति में एक नई शक्ति को उभार दिया है। आम आदमी पार्टी यह धारणा खत्म करने में सफल रही है कि भाजपा सरकार चलाने में तमाम विफलताओं के बावजूद …

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नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सबका है

शबाहत हुसैन विजेता नफ़रत नफ़रत और सिर्फ़ नफ़रत। कभी देश के नाम पर, कभी भाषा के नाम पर और कभी धर्म के नाम पर। नफ़रत के सामने इंसानियत के मायने खत्म हो जाते हैं। नफ़रत के सामने आपसी रिश्ते दम तोड़ने लगते हैं। जब पहनावे से पहचान होने लगती है। …

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कांग्रेस में विरोध के बावजूद ही आखिर क्यों राहुल गांधी ही बनेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष

अनिल शर्मा कांग्रेस में पिछले काफी दिनों से राहुल गांधी के विरोध में दबे स्वर में आवाज उठती रही है कि उन्हें पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष न बनाया जाये। इस दबी आवाज को मुखर-स्वर तब मिला जब दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शीला दीक्षित के पुत्र और कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित …

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कांग्रेस का भला तभी होगा जब उसे ये समझ में आ जाए ?

कुमार भवेश चंद्र “नेक नीयत से हासिल की गई मंजिल स्थायी होती है।” 28 फरवरी को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पुण्य तिथि पर उन्हें याद करते हुए कांग्रेस ने यह ट्विट किया है। ट्विट के साथ कांग्रेस ने उनकी एक तस्वीर अटैच की है जिसपर लिखा …

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नफरत की इस आग में साबुत बचा न कोय

दो महीनों में दिखे समाज के तीन रूप राजीव ओझा संसद का काम है कानून बनाना सो उसने संविधान सम्मत प्रक्रिया अपना कर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) बनाया। कुछ को यह पक्षपातपूर्ण लगा। लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। कानून में खामी है या नहीं, इसका फैसला अदालत करती उसके …

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चुनाव जीतने के लिए नीतीश ने फेंका जातिगत जनगणना का मायाजाल

सुरेंद्र दुबे नेताओं को चुनाव जीतने के लिए अपने काम से ज्‍यादा भावनात्‍मक मुद्दों की याद आती है। ताकि इसके सहारे वे मतदाताओं को मूर्ख बना सके और अपनी कुर्सी बरकरार रख सके। बिहार में इस वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को …

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कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नहीं दिग्विजय सिंह की

कृष्ण मोहन झा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आगामी 28 फरवरी को अपने यशस्वी जीवन के 73 वे वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस अवसर पर उनके सुदीर्घ राजनीतिक जीवन की उल्लेखनीय उपलब्धियों की चर्चा होना स्वाभाविक है। मेरी नजर में दिग्विजय …

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सुलगती दिल्ली के इन सवालों का जवाब कब मिलेगा ?

उत्कर्ष सिन्हा करीब दस साल पहले संसद में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने एक बयान दिया था कि “अगर सरकार चाह ले तो कोई भी दंगा छह घंटे के भीतर रोक सकती है”। दिल्ली में तीन दिनों से चल रहे दंगों के बीच उनका यह बयान सोशल मेडिया …

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राम के समाजवादी राज पर टेढ़ी निगाह, सीएम के बेतुके बयान से बनी असहज स्थिति

केपी सिंह राजनीति में अध्यात्म का बघार लगाते हुए उत्तर प्रदेश के सन्यासी सीएम योगी आदित्य नाथ कार्यों से लेकर प्रवचनों तक में अटपटेपन के लिए पहचाने जाने लगे हैं। उन्होंने हाल में एक भाषण में ज्ञान दिया कि समाजवाद के दिन खत्म हो गये हैं। अब देश और प्रदेश …

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