रजनीश पांडेय स्वास्थ्य कारण से 5 अगस्त को होने वाले ऐतिहासिक पल का गवाह नही बन पाऊंगा। लेकिन अपनी पत्रकारिता की अल्प आयु में मुझे अयोध्या जाने का बार- बार मौका मिला। एक बात जरूर है, जितने बार गया उतना ही अयोध्या के बारे में ज्ञान का विस्तार हुआ… चाहे …
Read More »जुबिली डिबेट
डंके की चोट पर : उस टाईपराइटर ने बदल दी अमर सिंह की किस्मत
शबाहत हुसैन विजेता सिंगापुर के अस्पताल में अमर सिंह ने अपनी आख़री सांस ली. उनकी आँख मुंदते ही लोगों के ज़ेहनों में कैद तमाम फ़िल्में चलने लगीं. अमर सिंह के होने और न होने के मायनों पर बात होने लगी. वह राज्यसभा सांसद थे. उद्योगपति थे. फ़िल्मी दुनिया में उनके …
Read More »आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे…
राज कुमार सिंह साल 2000 का एक दिन. लखनऊ का 5 विक्रमादित्य मार्ग का बंगला. जी हां तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव जी का सरकारी आवास. इस बंगले में इस दिन सामान्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा गहमागहमी थी. मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव आपनी राजनीतिक पारी शुरू करने …
Read More »समीकरण साधने की मानसिकता ने की पुलिस व्यवस्था चौपट
केपी सिंह बिकरू में विकास दुबे ने 08 पुलिस कर्मियों को अपनी शैतानी सनक पूरी करने के लिए शहीद कर दिया था तो माहौल बहुत गरम हो गया था। सरकार से लेकर पुलिस अफसर तक राज्य की प्रभुता को चुनौती के मानिन्द्र इस घटना से इस कदर बिफरे हुए थे …
Read More »गुरु न सही गुरु घंटाल तो हैं
सुरेन्द्र दुबे क्या आप कोई ऐसा गुरु जानते है जिसके पास कोई चेला न हो। चलिए अब इसी सवाल को अब दूसरी तरह से पूछ लेते है। क्या बगैर चेलों के कोई गुरु कहला सकता है। पर कलयुग की बलिहारी है कि लोग बगैर चेलों की भी गुरु बनने का …
Read More »यह हमारे धैर्य और संयम की परीक्षा का समय है
कृष्णमोहन झा देश में कोरोना बेकाबू हो चुका है। शायद हम अब कोरोना संक्रमण के उस दौर में प्रवेश कर चुके हैं जब कोई भी यह दावे के साथ नहीं कह सकता कि वह कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित है। अतिविशिष्ट से लेकर सामान्य श्रेणी तक के लोग कोरोना के …
Read More »EDITORs TALK : क्या क्या बिकेगा सरकार ?
डॉ. उत्कर्ष सिन्हा भारत सरकार का राजकोषीय घाटा फिलहाल 6.45 लाख करोड़ रुपए का है। इसका मतलब ख़र्चा बहुत ज़्यादा और कमाई कम. ख़र्च और कमाई में 6.45 लाख करोड़ का अंतर। तो इससे निपटने के लिए सरकार ने तय किया है कि वो अपनी कंपनियों यानि सरकारी कंपनियों का …
Read More »EDITOsTALK : हमें बचा लो “राम”
डॉ. उत्कर्ष सिन्हा अदम गोंडवी की एक गज़ल है – तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है। कोरोना संकट से जूझती हुई जनता का गुस्सा आप इस एक शेर से समझ सकते हैं। यूपी में कोरोना की रफ्तार हर दिन …
Read More »डंके की चोट पर : आप किससे डर गए आडवाणी जी ?
शबाहत हुसैन विजेता 6 दिसम्बर 1992 भारतीय इतिहास का काला दिन. आज़ाद हिन्दुस्तान की वह तारीख जिस दिन सेक्युलरिज्म का कत्ल कर दिया गया. जिस सेक्युलरिज्म को हिन्दुस्तान के संविधान की आत्मा कहा जाता है. बाबरी मस्जिद ढहाकर उस आत्मा पर सबसे बड़ा हमला किया गया था. सेक्युलरिज्म पर हुए …
Read More »सवर्णवाद के छलावे में, सरकार फंसी सांसत में
के पी सिंह जातिवाद प्रेरित गिरोहबंदी देश में संवैधानिक शासन के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। एक ओर हाल में उग्र राष्ट्रवाद का उभार चर्चाओं कें केंद्र में था दूसरी ओर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जातिवाद उभार हिंदुत्व की छतरी को छेदने लगा है। …
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