Tuesday - 30 July 2024 - 12:48 PM

जुबिली डिबेट

मोदी सरकार ने आपातकाल की बरसी पर लिया संविधान रक्षा का संकल्प

कृष्णमोहन झा 25 जून की तारीख आते ही देशवासियों के मानस पटल पर उस आपातकाल की भयावह यादें ताजा हो उठती हैं जो भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में जुड़ी हुई हैं। 25 जून 1975 की रात को थोपे गए इस आपातकाल के शिकंजे में देश …

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भारत नेपाल सीमा पर तार बाड़ और पासपोर्ट जैसी व्यवस्था की मांग के पीछे कौन?

यशोदा श्रीवास्तव भारत नेपाल की खुली सीमा पर कटीले तार लगाने के साथ ही भारत वासियों को नेपाल आने जाने के लिए वीजा पासपोर्ट जैसी व्यवस्था अनिवार्य करने संबंधी मांग को लेकर प्रमुख विपक्षी दल और सरकार आमने सामने हैं। हैरत है कि लोकतंत्र बहाली के बाद नेपाल में सत्तारूढ़ …

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उच्च शिक्षा का बजट…

प्रो. अशोक कुमार उच्च शिक्षा किसी भी देश के विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल व्यक्तियों को बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने में मदद करता है, बल्कि देश की समग्र अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है। उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त बजट आवंटित करना सरकार के …

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टूटती सांसों पर राजनीति करने वालों को सिखाना होगा सबक

डा. रवीन्द्र अरजरिया देश के लोकतंत्र की व्यवस्था का स्याह पक्ष प्रारम्भ हो चुका है। विधायिका की नींव में राजनैतिक दलों ने मट्ठा पिलाना शुरू कर दिया है। सत्ता, सिंहासन और सल्तनत के लोलिपों व्दारा न केवल परम्परागत मर्यादायें ही तार-तार की जा रहीं हैं बल्कि स्वार्थपरिता की चरमसीमा पर …

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“ जीवन विज्ञान और समाज विज्ञान के संबंध ”

अशोक कुमार एक बार की बात है मुझे राजस्थान विश्वविद्यालय में एक यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुरूप शिक्षकों के लिए एक पुनश्चर्या पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए  कहा गया । मैं बहुत प्रसन्न हुआ,  मन में बहुत उत्साह था।  पुनश्चर्या पाठ्यक्रम अच्छे से अच्छा हो और शिक्षकों को इसका लाभ मिले …

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कठिन चुनौतियों के प्रति आगाह करने वाले बयान पर अनावश्यक बहस क्यों!

कृष्णमोहन झा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव सहित महत्वपूर्ण समसामयिक विषयों पर अपने जो विचार व्यक्त किए हैं उसके अलग अलग निहितार्थ खोजे जा रहे हैं और अपनी अपनी सुविधानुसार उनकी विवेचना की जा रही है । गौरतलब है कि मोहन भागवत …

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सार्वजनिक सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज मे भेदभाव

प्रो. अशोक कुमार चिकित्सा शिक्षा न केवल व्यक्तियों के जीवन, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है। यह रोगों को रोकने और उनका इलाज करने, स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मजबूत बनाने, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, अनुसंधान और नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करने और वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार करने …

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विश्वविद्यालयों , उच्च शिक्षण संस्थानों मे वर्ष में दो बार मिलेगा प्रवेश

अशोक कुमार भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अब विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर वर्ष में दो बार प्रवेश देने की योजना को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने मंजूरी दे दी है। यूजीसी के अनुसार शिक्षण सत्र 2024-25 से जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू की …

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भारत में शिक्षकों की रिक्तियों की संख्या –विश्व गुरु की ओर बढ़ते कदम

अशोक कुमार भारत में शिक्षकों की रिक्तियों की संख्या का कोई एक निश्चित आंकड़ा नहीं है, क्योंकि यह लगातार बदलता रहता है। लेकिन, कुछ रिपोर्टों और अध्ययनों से हमें अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है: स्कूलों में • 2020: पीआरएस लेगिटिमेटेड लीड्स द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, …

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संभावनाओं की आड़ में नकारात्मकता के दांव

डा. रवीन्द्र अरजरिया लोकसभा चुनावों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है। इस गठबंधन के सभी सहयोगी दलों ने मिलकर नरेन्द्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुनकर प्रधानमंत्री पद का एक बार फिर दायित्व सौंपा है। देश में दूसरी बार कोई एक ही व्यक्ति तीसरे कार्यकाल में देश …

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