Tuesday - 16 January 2024 - 2:00 AM

जुबिली डिबेट

यूपी की चुनावी राजनीति में पूरब भारी पड़ेगा या पश्चिम ?

उत्कर्ष सिन्हा बीते 3 चुनावों से यूपी में भाजपा के विजय रथ को तेजी देने वाले पश्चिमी यूपी का मिजाज जैसे जैसे सरकार विरोधी हुआ है , वैसे वैसे भाजपा ने पूरब की तरफ ज्यादा ताकत लगाना शुरू कर दिया है । इस बात का अंदाजा ऐसे ही लगता है …

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डंके की चोट पर : जिन्दा हूँ हक़ ले सकता हूँ

शबाहत हुसैन विजेता सरकार लोकार्पण और शिलान्यास में लगी है. नारों और भाषणों में विकास बहुत तेज़ी से दौड़ रहा है. हर नागरिक की आमदनी दुगनी हो गई है. सरकार तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी घटाना चाहती है मगर यूपीए सरकार की गलत नीतियों की वजह से दाम घट नहीं …

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बुद्ध पर ज्ञान तो ठीक,समर्पण भाव भी दिखना चाहिए

यशोदा श्रीवास्तव गौतम बुद्ध चूंकि ऐसा नाम नहीं है जिसके बदौलत वोटों का जखीरा तैयार हो इसलिए भारत में इस नाम को केवल बुद्ध अनुयायी वाले देशों के लिए सुरक्षित रखा गया है। यह आलोचना नहीं है, सिर्फ एक सोच की ओर इशारा मात्र है कि हम बुद्ध की धरती …

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अरविंद केजरीवाल को भी याद आए भगवान राम

सात साल से राजनीति में सक्रिय पर अयोध्या से रहे दूर अन्ना सरीखे तमाम लोगों को अपने हक में इस्तेमाल करने वाले केजरीवाल का चुनावी पैतरा 26 अक्टूबर को अयोध्या दौरे पर सीएम केजरीवाल  राजेन्द्र कुमार   लखनऊ। अपने देश में चुनाव आते ही तमाम बड़े बड़े नेताओं को भगवान की …

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सिंगल कॉलम यूपी कांग्रेस को हैड लाइन किसने बनाया !

नवेद शिकोह क़रीब डेढ़ दशक पहले ऐसा नहीं था। तभी तो बसपा सुप्रीमो मीडिया से दूरी बनाकर भी कई मरतबा यूपी की मुख्यमंत्री बनती रहीं। अब मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट के बिना सत्ता के शिखर पर चढ़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। वक्त के साथ न चलने के नतीजे …

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पेरिस समझौतों का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए तो…

डॉ. सीमा जावेद ग्लोबल वार्मिंग के विनाशकारी स्तरों तक पहुँचने से बचने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को एक अगले दस सालों में आधे से भी कम करना होगा, लेकिन मौजूदा रफ़्तार से तो हमें कार्बन मुक्त होने में 150 से …

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पत्रकारों को नोबेल सम्मान से गौरवान्वित पत्रकार बिरादरी

कृष्णमोहन झा  नोबेल पुरस्कारों से वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, साहित्यकारों और समाज सेवा आदि के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाली विभूतियों को सम्मानित किए जाने की खबरें तो हर वर्ष सुनाई देती हैं परंतु पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने वाले कलम के सिपाहियों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए …

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काबुल का फ़ितना : महाशक्तियों का पुराना अखाड़ा और नया खेल

जावेद अनीस तालिबान वापस आ गये हैं, इस बार पहले से अधिक मजबूती, स्वीकार्यता और वैधता के साथ. नाइन इलेवन के ठीक पहले उनकी यह वापसी उसी अमरीका से समझौते के बाद हुयी है जिसने 2001 में उन्हें सत्ता से बेदखल किया था. तालिबान के इस जीत की मुद्रा दुनिया …

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लोहिया ने मंत्री पद स्वीकार कर लिया होता तो कौन बताता कि विपक्ष भी कुछ होता है

12 अक्टूबर को डॉ राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर डा. सी पी राय इस देश के अनोखे नेता डॉ राममनोहर लोहिया को हम याद करते है। वहीं डॉ लोहिया जिसने उस वक्त जर्मनी से अर्थशास्त्र में पीएचडी किया जब हिटलर उभर रहा था और उनके अपने विचारों के कारण उनके …

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घातक होता जा रहा है दो सम्प्रदाय में नागरिक और पांच जातियों में तंत्र का बटवारा

स्वाधीनता के पहले की व्यवस्था और सामाजिक संरचना का ढांचा तत्कालीन मापदण्डों के अनुरूप शासकों ने निर्धारित किया था। लोकतंत्र लागू होते ही भारत गणराज्य में एक नई व्यवस्था का ढांचा सामने आया। यूं तो वह ढांचा लंदन में बैठकर तैयार करवाया गया था। सो उसमें ज्यादतर व्यवस्थायें गोरी सरकार …

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