सुरेंद्र दुबे राम मंदिर के नाम पर एक बार फिर पूरे देश में आंदोलन चलाने की पटकथा लिखने की तैयारी की जा रही है। राम मंदिर के निर्माण का मार्ग भले ही गत 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशस्त कर दिया है, पर यह बात भाजपा व विश्व …
Read More »जुबिली डिबेट
दलितों के राजनीतिक आरक्षण पर भाजपा की मारीच राजनीति
केपी सिंह विधायिका में अनुसूचित जाति, जनजाति के आरक्षण के 10 वर्ष और विस्तार के लिए संसद में पहले ही प्रस्ताव पारित हो चुका है जिसे 50 प्रतिशत राज्यों के विधान मंडलों के अनुमोदन की जरूरत है। इस कवायद में गत वर्ष के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश विधान मंडल के …
Read More »नए साल में भाजपा की दो बड़ी राजनैतिक चुनौतियां
सुरेंद्र दुबे नए वर्ष 2020 का पदार्पण हो गया है। हर नया वर्ष अपने साथ पुराने वर्ष की तमाम समस्याएं और चुनौतियां अपनी पीठ पर लाद कर आता है। ढ़ेरों समस्याएं और चुनौतियां हैं, जिन पर कई महाकाव्य लिखे जा सकते हैं। पर आज हम T-20 मैच खेलने के मूड …
Read More »आरएसएस को कहा तो मिर्चें क्यों लगीं ?
के. पी. सिंह राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आरएसएस का प्रधानमंत्री कहा, निश्चित रूप से जानबूझकर लेकिन हैरत की बात है कि प्रधानमंत्री के खेमे को यह रास नही आया जिसके चलते संबित पात्रा के माध्यम से भाजपा की जो प्रतिक्रिया सामने आई वह राहुल गांधी के कथन …
Read More »डंके की चोट पर : क्या चौकीदार को मिल गया है मालिकाना हक
शबाहत हुसैन विजेता हिन्दुस्तान की अवाम ने जिसे मुल्क की चौकीदारी सौंपी थी वही अब हर दरवाज़ा खटखटाकर घर के मालिकाना हक के कागज़ मांग रहा है। सियासत के जरिये चौकीदारी के रास्ते मालिक बन जाने की इस कलाकारी ने लोकतंत्र में विरोध के सुरों को भी दबा दिया है। …
Read More »योगी सरकार के प्रशासन की प्रियंका से है दुरभिसंधि ?
केपी सिंह प्रियंका गांधी वाड्रा का उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम फिर मीडिया की सुर्खियों में छा गया है। उन्हें यह सुनहरा मौका किसी और ने नही योगी सरकार की पुलिस ने ही उपलब्ध कराया। योगी सरकार उन पर क्यों इतनी मेहरबान है यह समझ में नही आता। कांग्रेस उत्तर …
Read More »कांव-कांव से गांव-गांव तक नहीं पहुंचेंगे आन्दोलन
सुरेन्द्र दुबे लगता है समाजवादी पार्टी ने आन्दोलनों की राजनीति को तिलांजलि दे दी है। अब इनके अध्यक्ष अखिलेश यादव धरना प्रदर्शन और आन्दोलन की राजनीति छोड़कर प्रेस कांफ्रेंस और ट्वीट की राजनीति पर उतर आएं हैं जो पार्टी को लगातार हाशिए पर ढकेलती जा रही है। ट्वीट का शाब्दिक …
Read More »चौमुखी विकास के लिए सभी विभागों को मिलकर करना होगा काम
डा. रवीन्द्र अरजरिया सामाजिकता का स्थान अब निजता लेने लगी है। सार्वजनिक संपत्ति को व्यक्तिगत हितों के लिए उपयोग करने की परम्परा चल निकली है। पैसा बटोरने की लालसा ने व्यक्ति की मानवीयता को तिलांजलि दे दी है। पैसा भी केवल भौतिक संसाधनों को जोडने में खर्च किया जा रहा …
Read More »जब सब डरे हुए तो देश और संविधान को कौन बचाएगा ?
राजीव ओझा इस समय हम सब डरे हुए हैं। पूरा देश डरा हुआ है। पड़ोसी डरे हुए हैं। पोलिटिकल पार्टी डरी हुई हैं। सब एक दूसरे से डर रहे हैं। जो नहीं डर रहा उसे डराने की कोशिश की जा रही। कोई कह रहा संविधान पर संकट है, कोई कह …
Read More »CAA के विरोध में चंद्रशेखर “रावण” की एंट्री से कौन डर रहा है ?
उत्कर्ष सिन्हा 20 दिसंबर को दिल्ली की जामा मस्जिद में प्रदर्शनकारियों के बीच बाबा साहेब की तस्वीर लहराकर विरोध जताते दलित यूथ आईकान चंद्र शेखर आजाद की तस्वीर ने सत्ता पक्ष के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरों को गहरा कर दिया है । नागरिकता कानून में संशोधन के …
Read More »