कृषमोहन झा आज गुरु -शिष्य परंपरा का पुनीत पर्व गुरु पूर्णिमा है । गुरु के समक्ष विनयावनत होकर उनके प्रति अटूट श्रद्धा और आदर की अभिव्यक्ति का यह पुनीत पर्व आज सारे देश में मनाया जा रहा है। धर्मग्रंथों के अनुसार गुरु पूर्णिमा को ही भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति के …
Read More »जुबिली डिबेट
दुनिया में केवल भारत के पास है शांति और खुशी का रोड मैप
कृष्णमोहन झा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत आजकल झारखंड प्रवास पर हैं। अपने इस महत्वपूर्ण प्रवास के दौरान उन्होंने एक गैर लाभकारी संगठन विकास भारती द्वारा गुमला जिले के विशुनपुर गांव में आयोजित ग्राम विकास सम्मेलन को संबोधित किया।अपने सारगर्भित उद्बोधन में भागवत ने विकास और प्रगति को …
Read More »फिजियोथेरेपी – एक रोजगारपरक विषय
प्रो. अशोक कुमार फिजियोथेरेपी, जिसे भौतिक चिकित्सा या शारीरिक क्रिया चिकित्सा भी कहा जाता है, स्वास्थ्य सेवा का एक ऐसा क्षेत्र है जो गति, गतिशीलता, शक्ति और कार्यक्षमता को बहाल करने या सुधारने में मदद करता है। यह चोट, बीमारी, विकलांगता या दर्द से पीड़ित लोगों के लिए सहायक होता …
Read More »विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव होने चाहिए या नहीं ?
प्रो. अशोक कुमार आज, भारत में छात्र संघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार होते हैं। इन नियमों का उद्देश्य चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है और यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग वास्तव में उनके हितों …
Read More »चरण सिंह के करीबी ब्रम्हदत्त की पुस्तक “फाइव हेडेड मांस्टर” में है इमरजेंसी का सच
यशोदा श्रीवास्तव 18 वीं लोकसभा के चुनाव से लेकर मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन तक किसी एक मुद्दे को लेकर बवाल मचा तो वह था संविधान!चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से संविधान की रक्षा का कंपेयन चलाया गया तो भाजपा की ओर से कांग्रेस से ही संविधान को …
Read More »कुलपति और कुलगुरु में अंतर
अशोक कुमार विगत दिनों मे मध्य प्रदेश और राजस्थान मे कुलपति का नाम परिवर्तित करके कुलगुरु कर दिया है। कुलपति और कुलगुरु दोनों ही महत्वपूर्ण पद हैं, लेकिन उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं: पद: कुलपति: कुलपति किसी विश्वविद्यालय का प्रमुख होता है। वे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों …
Read More »राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) का समावेश
प्रो. अशोक कुमार भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस), ज्ञान का एक विशाल भंडार है जो सदियों से विकसित हुआ है। यह दर्शन, धर्म, विज्ञान, कला, चिकित्सा, ज्योतिष, वास्तुकला, कृषि और शासन सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है। आईकेएस को अक्सर “जीवन का विज्ञान” कहा जाता है क्योंकि …
Read More »अध्यात्म से कोसों दूर हैं चमत्कारी दरबार
चमत्कारों के नाम पर अध्यात्म परोसने वालों की भीड तेजी से बढ़ती जा रही है। समस्याओं के समाधान, परेशानियों से निजात, कठिनाइयों का समाधान, सुख की लालसा, सम्पन्नता का बाहुल्य, संतान की उत्पत्ति, सम्मान की प्राप्ति जैसे दावे करने वाले श्रध्दा के नाम पर अंधविश्वास परोस रहे हैं। कहीं चमत्कारिक …
Read More »स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रचनात्मक सहयोग जरूरी
कृष्णमोहन झा 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके ओम बिरला जिस दिन से 18 वीं लोकसभा अध्यक्ष चुने गए उसी दिन से लोकसभा की कार्यवाही में गतिरोध की शुरुआत हो गई। उल्लेखनीय है कि उन्हें लगातार दूसरी बार सदन के अध्यक्ष की आसंदी पर आसीन होने का सौभाग्य मिला है …
Read More »संसद में राहुल के भाषण पर इतना बवाल क्यों?
यशोदा श्रीवास्तव हिंदू और हिंदुत्व एक बार फिर राजनीति के मकड़जाल में है। इस मुद्दे को लेकर देश भर में तूफान खड़ा हो गया है। राहुल गांधी का पुतला कोने कोने में फूंका जा रहा है। राहुल की ग़लती यह थी कि उन्होंने भरी संसद में ऐसे हिंदू और हिंदुत्व …
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