Thursday - 11 January 2024 - 11:05 PM

आगरा में इंटरनेट सेवाएं बंद, CAA-NRC के खिलाफ आज हो सकता है प्रदर्शन

न्‍यूज डेस्‍क

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ देश में कई जगहों पर प्रदर्शन देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी कई इलाकों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं।

लखनऊ में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद कई दिनों तक राज्‍य के अलग-अलग हिस्‍सों में इंटरनेट बंद रहा। हालांकि लखनऊ में इंटरनेट चालू हो गया है और हालात सामान्‍य हैं लेकि अभी भी प्रदर्शनकारी मौके के फिराक में हैं और उपद्रव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बात को ध्‍यान में रखते हुए आगरा में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। ऐसी जानकारी है कि आगरा में आज सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन हो सकता है। इसको देखते हुए एहतिहातन पुलिस ने मोबाइल इंटरनेट और ब्राडबैंड सेवाओं को बंद कर दिया है। इंटरनेट सेवाएं आगरा में आज सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बंद रहेंगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ आगरा में ही इंटरनेट बंद करने की खबर है।

दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए हिंसक आंदोलन में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। इसके तहत अब तक 100 से अधिक लोगों को अभी तक नोटिस जारी किया जा चुका है।

साथ ही अभी भी लोगों को चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है। इस बीच जिन परिवारों को संपत्ति जब्त करने की नोटिस भेजी गई है वो खुद को निर्दोष बता रहे हैं।

पूरे प्रदेश में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। तो लगभग 1000 लोगों की इस सिलसिले में गिरफ्तारी की जा चुकी है। साथ ही 6,000 के आसपास लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।

दरअसल, राज्य में हुई हिंसा और उपद्रव के दौरान हुए सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई सरकार ने उपद्रव करने वालों से ही करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी।

अब सरकार की तरफ से हिंसा करने वालों को चिन्हित कर के उन्हें नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत हिंसा में शामिल लोगों के नाम से उनके घर पर नोटिस भेजा जाएगा और एक हफ्ते में उन्हें अपना पक्ष रखना होगा।

इसके बाद अगर वो खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें एक तय राशि का भुगतान सरकार को क्षतिपूर्ति के तौर पर करना होगा। निर्धारित राशि न देने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी, जिसमें जेल जाना भी शामिल है।

लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) अभिषेक प्रकाश के मुताबिक नुकसान का अनुमान करोड़ों में है और अभी आकलन किया जा रहा है कि आखिर कुल कितना नुकसान हुआ है। हर सेक्टर में नुकसान का आकलन कर के हिंसा करने वालों पर जुर्माने की राशि तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करते हुए हमने ये कार्रवाई शुरू कर दी है।

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