शुभ्रा सुमन लड़की कॉलेज जाने के लिए घर से निकलती है.. सलवार कमीज़ पर दुपट्टा ओढ़े हुए शर्माती सकुचाती हुई गली में बढ़ती है.. सामने से आती हुई मोटरबाइक की आहट सुनकर चौकन्ना हो जाती है.. उसको मालूम है कि संकरी गली में बगल से गुज़रती हुई मोटर बाइक के …
Read More »Utkarsh Sinha
उलटबांसी : लोकतंत्र का सांगोपांग ‘मोमेंट’
अभिषेक श्रीवास्तव ‘’लोकतंत्र में विपक्ष का होना, विपक्ष का सक्रिय होना, विपक्ष सामर्थ्यवान होना, ये लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है। और मैं आशा करता हूं कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। देश की जनता ने उनको जो नंबर दिया है, दिया है, लेकिन हमारे लिए उनका हर …
Read More »कबीर के मगहर के मायने
डा. मनीष पांडेय मध्यकालीन दौर के विख्यात जनकवि और दार्शनिक महात्मा कबीर के नाम पर बनाये गए जिले संत कबीर नगर का मगहर क़स्बा कबीर का पर्याय होने के साथ कहीं न कहीं तथागत बुद्ध और महायोगी योगी गोरख के पदचिन्हों का भी गवाह है| ध्यान दिया जाए तो इसके …
Read More »डाइनिंग टेबल पर चमकने वाले फल कर सकते हैं आपको बीमार
प्रियंका डाइनिंग टेबल पर चमक लाने वाले सभी फल और सब्जियाँ हमेशा ही पेट के लिए अच्छी हो ये जरूरी नहीं , क्योंकि उनके जरिये हम कीटनाशकों की एक अनजानी खुराक ले सकते हैं, जो वास्तव में मानव स्वास्थ्य पर एक विषाक्त प्रभाव है। “सब्जियां मनुष्यों के बीच कीटनाशक विषाक्तता के मामले में मुख्य संदिग्ध …
Read More »राजा की इच्छा से ज्यादा खुद को वफादार साबित करने में लगी है यूपी पुलिस !
विवेक अवस्थी प्रदीप कनौजिया नामके एक पत्रकार को सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कुछ “आपत्तिजनक टिप्पणी” करने और “अफवाह फैलाने” के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद उन्हें दिल्ली से हिरासत …
Read More »समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की हो रही हत्याएं, अखिलेश के तेवर गर्म
न्यूज डेस्क बीते 30 मई से 5 जून तक समाजवादी पार्टी के 8 प्रमुख कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई। इसमें समाज विशेष को गिनें तो दो दर्जन लोगों से ज्यादा की हत्याएं हो चुकी हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्याओं पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के …
Read More »मुखौटा नहीं मूल्य है धर्मनिरपेक्षता
अशोक माथुर भाजपा लगातार कहती रही है कि कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता “छद्म धर्मनिरपेक्षता” है और वह ही सकारात्मक धर्मनिरपेक्षता लाएगी। आज के दौर में धर्मनिरपेक्षता का मर्म समझा जाना जरूरी है। विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द की गारंटी की बात संविधान की प्रस्तावना में भी उल्लिखित है। धर्मनिरपेक्षता केवल अल्पसंख्यकों …
Read More »कठुआ, टप्पल, सुप्रीम कोर्ट और ग़ालिब का शेर
उत्कर्ष सिन्हा पिन्हां था दाम-ए-सख़्त क़रीब आशियान के उड़ने न पाए थे कि गिरफ़्तार हम हुए यानी “घर के पास ही जंजीरें छिपी हुई थीं, जिससे हम उड़ने से पहले ही उनमें फंसकर बंदी बन गए.’ मिर्ज़ा ग़ालिब का ये शेर उस फैसले की पहली लाइने हैं , जो कठुआ में …
Read More »एक चुनाव खत्म हुआ, दूसरे की तैयारी शुरू
रतन मणि लाल उत्तर प्रदेश में एक चुनाव से दूसरे चुनाव के बीच के समय में की जाने वाली गतिविधि को सरकार चलाना कहा जाता है. यह स्थिति कोई इसी प्रदेश में हो ऐसा भी नहीं है. लगभग सभी राज्य ऐसे ही कैलेंडर से बंधे हुए हैं, लेकिन चुनाव का …
Read More »मोदी 2.0 में कैसा हो भारत-पाकिस्तान संबंध
सत्येन्द्र सिंह क्या हमें मोदी 2.0 में पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते की उम्मीद करनी चाहिए? मैं इसे एक शब्द में कहूँ तो “इसकी संभावना बहुत नहीं है”। 2014 से पहले हमने देखा था, कई दशकों से, पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने के लिए कई बार ऐसे प्रयास भी किये …
Read More »