Sunday - 7 January 2024 - 8:35 AM

आखिर चीन का झूठ सामने आ ही गया !

जुबिली न्यूज डेस्क

चीन से निकल कर जब कोरोना दुनिया के अन्य देशों में कहर बरपा रही थी तब चीन में कोरोना के आंकड़े 50,000 ही बताई गई थी। उसी समय चीन के इन आंकड़ों पर सवाल उठा था और उस पर आरोप लगा था कि वह आंकड़े छुपा रही है।

चीन पर लगे इन आरोपों पर चीन सरकार ने सफाई दी थी, लेकिन चीन का झूठ अब सामने आ गया है। चायनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने अब अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 19 अप्रैल तक वुहान के 1.1 करोड़ लोगों में से 4.4 फीसदी लोगों में कोविड 19 पैदा करने वाले वायरस की एंटीबॉडी विकसित हो गई थी।

इसका मतलब है कि अप्रैल के आखिर तक तक वुहान में 480,000 लोगों को संक्रमण हो चुका था। हालांकि तब तक आधिकारिक आंकड़ों में शहर के लिए यह संख्या सिर्फ 50,000 ही बताई गई थी।

इस वायरस से निपटने के लिए शुरुआत में लापरवाही के लिए चीन के भीतर और बाहर उसकी काफी आलोचना हुई है। कोरोना आने के शुरुआती महीनों में इस वायरस की जानकारी देने वालों का मुंह उच्च स्तर के राजनेताओं की सलाह पर बंद भी कराया गया।

चीन ने जनवरी में कोई मामला नहीं होने की बात कही थी। जबकि आंकड़ों के हिसाब से ऐसा नहीं लगता।

बीते सोमवार को ही चीन की सिटिजन जर्नलिस्ट झांग झान को चार साल के लिए कैद की सजा सुनाई गई। झांग का कसूर यह है कि उन्होंने महामारी के दौर में वुहान के अंदरूनी हालात के बारे में रिपोर्टिंग की थी।

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डीडब्ल्यू की खबर के अनुसार कॉउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के सीनियर फेलो हुआंग यानझंग का कहना है कि सीडीसी के आंकड़ों के कारण जो अंतर दिख रहा है, “वह संभावित कम रिपोर्टिंग की ओर इशारा करता है जो जनवरी के आखिर और फरवरी की शुरुआत में मची अफरातफरी के कारण हुआ हो सकता है, तब बड़ी संख्या में लोगों का या तो टेस्ट ही नहीं हुआ या फिर कोविड-19 के लिए सही टेस्ट नहीं हुआ।”

सीडीसी के सेरोलॉजिकल एक्सपर्ट क्विन यिंग ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि आंकड़ों में जो अंतर दिख रहा है वो सिर्फ चीन में ही नहीं है। यिंग ने कहा, “कई देश पहले ही इस तरह के सेरोलॉजिकल सर्वे प्रकाशित कर चुके हैं और…ज्यादार मामलों में एंटीबॉडीज के साथ पाए गए लोगों की संख्या संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या से कई गुना ज्यादा है। तो इस तरह का अंतर काफी व्यापक है।”

सीडीसी ने यह भी कहा है कि वुहान के बाहर हुबई प्रांत के केवल 0.44 फीसदी आबादी में ही वायरस के एंटीबॉडीज मिले। इससे पता चलता है कि शहर में 77 दिन के लॉकडाउन ने इस बीमारी को फैलने से रोक मदद की होगी। ये आंकड़े देश भर में 34,000 लोगों पर अप्रैल में किए सर्वे के बाद तैयार किए गए हैं जिन्हें सोमवार की शाम जारी किया गया।

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दरअसल चीन बिना रोग के लक्षण वाले संक्रमण को आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं करता। संक्रमित लोगों की कुल संख्या और वास्तविक संख्या में अंतर का एक कारण यह भी हो सकता है।

चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक बुधवार तक देश में संक्रमित लोगों की कुल संख्या 87,027 है जबकि 4,634 लोगों की मौत हुई है।

चीन ने देश के भीतर वायरस के फैलाव को काफी हद तक रोक लिया और वो दुनिया की अकेली ऐसी प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसमें वृद्धि हुई है क्योंकि यहां कारोबार और घरेलू यात्रा पर से प्रतिबंध हटा लिया गया था।

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