नई दिल्ली। पीएम मोदी ने जी-7 सम्मेलन के एक सत्र में भाग लिया है। इस सत्र का नाम बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर हेल्थ। इस सत्र में कोरोनावायरस महामारी से वैश्विक सुधार और भविष्य की महामारियों के खिलाफ लचीलापन मजबूत करने पर केंद्रित था।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मदद के लिए जी7 देशों का धन्यवाद दिया है। भारत, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका को इस साल जी 7 शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
पीएम मोदी ने कोरोना महामारी से लडऩे के लिए भारत का दृष्टिकोण रखा। इस दौरान उन्होंने बताया कि कैसे भारत ने सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के सभी स्तरों के प्रयासों का तालमेल बिठाया।
इसके आलावा देश में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन मैनेजमेंट के लिए डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में जानकारी दी।
As day one of the G7 Summit draws to a close, catch up on the key moments of the day.
🇬🇧 🇨🇦 🇫🇷 🇩🇪 🇮🇹 🇯🇵 🇺🇸 🇪🇺#G7UK pic.twitter.com/mXsFsroj5l
— G7 (@G7) June 11, 2021
उन्होंने कोविड संबंधित तकनीकों पर पेटेंट छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में लाए गए प्रस्ताव के लिए G7 का समर्थन मांगा. ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने इसका जोरदार समर्थन किया।
यूनाइटेड किंगडम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए हिस्सा लिया। पीएम मोदी ने इस दौरान ‘वन अर्थ वन हेल्थ’ का मंत्र दिया।
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इस दौरान पीएम मोदी की तारीफ की और उनके इस विचार को अपना समर्थन दिया।