
जुबिली न्यूज़ डेस्क
दिल्ली चुनाव परिणाम आने के बाद से ही बिहार के सियासी हलकों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। इस बात पर रार होने लगा है कि दिल्ली चुनाव परिणामों का असर बिहार पर पड़ेगा या नहीं। फिलहाल दिल्ली के चुनाव परिणाम से बिहार के राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ गई है।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को अपने पिता लालू प्रसाद से रिम्स में मिले। मुलाकात के बाद रिम्स के बाहर मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने उनकी सेहत को लेकर चिंता जताई।
इस दौरान उन्होंने दिल्ली चुनाव में आप और केजरीवाल की जीत पर कहा कि, दिल्ली चुनाव परिणाम से बिहार के लोग खुश हैं। बिहार के लोग भाजपा को बड़ी पटखनी देने का काम करेंगे। झारखंड चुनाव के बाद दिल्ली में पराजय का असर बिहार चुनाव पर भी पड़ेगा। बिहार की जनता इनसे नाराज है। उसने वोट दिया था विकास के लिए और ये देश को विनाश की ओर ले जा रहे हैं। विकास की राजनीति होनी चाहिए। देश तोड़ने वाले और संविधान बदलने वाले को दिल्ली की जनता ने नकार दिया है।
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वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीज को लेकर कहा कि जनता मालिक है। नीतीश की पार्टी जेडीयू बीजेपी और एलजेपी के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरी थी।
मंगलवार को आरएसएस के विचारक दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर जब पत्रकारों ने उनसे दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर प्रश्न पूछे तो उन्होंने कहा कि जनता मालिक है। इतना कहकर वह आगे बढ गए।
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बता दें कि नीतीश जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी ने दिल्ली के दो विधानसभा क्षेत्रों- बुरारी और संगम विहार में अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे और इन दोनों सीटों पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी बड़े अंतर से पीछे हैं। नीतीश कुमार ने दिल्ली में अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ रैलियां भी की। इस दौरान उन्होंने अरविंद केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने कुछ काम नहीं किया।
राष्ट्रीय राजधानी में जेडीयू कभी भी बड़ी खिलाड़ी नहीं रही लेकिन बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को परास्त करने के लिए बिहार के अपने छोटे सहयोगियों का सहयोग लिया। दिल्ली में बीजेपी के साथ चुनावी गठजोड़ को लेकर पूर्व जेडीयू महासचिव पवन वर्मा ने सवाल उठाते और नाराजगी व्यक्त करते हुए नीतीश को पत्र लिखा था जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

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ऐसा ही जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ भी हुआ जिनकी संस्था केजरीवाल के चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम रही थी। जेडीयू से निष्कासित किए जाने से नाराज प्रशांत ने दिल्ली चुनाव संपन्न होने के बाद पटना आकर अपनी आगे की रणनीति का खुलासा करने को कहा था।
बिहार में बीजेपी ने जेडीयू और एलजेपी के साथ गठजोड़ कर पिछले साल संपन्न लोकसभा चुनाव लड़ा था और भारी जीत दर्ज की थी। वर्ष 2013 में बीजेपी के साथ संबंध तोड़ने के बाद नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव 2015 महागठबंधन बनाकर आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था और उस समय “संघ-मुक्त भारत” बनाने की बात कही थी।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में महागठबंधन भारी बहुमत से बिहार में सत्ता आयी थी पर वर्ष 2017 में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ मिलकर प्रदेश में एनडीए की सरकार बना ली थी।
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