जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिका में वोटिंग खत्म होने के साथ ही राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। इस चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें लगी हुई हैं। डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन की जीत से दुनिया के कई देशों के रिश्तों का भविष्य जुड़ा है और जाहिर तौर पर अंतरराष्ट्रीय राजनीति भी यही वजह है कि हर कोई जानना चाह रहा है चुनाव में कौन बाजी मारेगा? ट्रंप अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब होंगे या जो बाइडेन इतिहास बनायेंगे।
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। जो बाइडन, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के उप-राष्ट्रपति के तौर पर ज़्यादा मशहूर हैं। हालांकि बाइडन, अमरीका की राजनीति में 1970 के दशक से ही सक्रिय रहे हैं।
अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीते तो शपथ लेते वक्त 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। जो बाइडेन यानी जोसेफ रॉबिनेट बाइडेन जूनियर का जन्म साल 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। वह अपने बचपन में ही डेलवेयर चले गए थे।
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1972 में बाइडेन सीनेट के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक बने। कुछ ही हफ्तों बाद, बाइडेन के परिवार में एक त्रासदी हुई, जब एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
बाइडेन अपने बेटों को देखने के लिए विलमिंगटन और वॉशिंगटन डीसी के बीच रोजाना एमट्रैक ट्रेन से सफर करते थे, जिसके बाद वह ‘एमट्रैक जो’ नाम से लोकप्रिय हो गए थे। पांच साल तक, बाइडेन ने अपनी बहन वैलेरी और उनके परिवार की मदद से ब्यू और हंटर को सिंगल फादर के तौर पर पाला था।
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साल 2015 में 46 साल की उम्र में बाइडेन के बड़े बेटे ब्यू की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी। बाइडेन के छोटे बेटे हंटर की बात करें तो एक वकील और लॉबिस्ट के रूप में उनका करियर भ्रष्टाचार के आरोपों का निशाना रहा है। नीलिया की मौत के 5 साल बाद बाइडेन ने जिल से शादी की थी। उनकी एश्ली नाम की एक बेटी है, जिसका जन्म 1981 में हुआ था।
डेलवेयर से 6 बार सीनेटर रह चुके बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार उतरे हैं। उनकी पहली कोशिश 1988 के चुनाव के लिए थी, हालांकि तब उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप में पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने अपनी दूसरी कोशिश 2008 के चुनाव के लिए की थी।
बाइडेन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाना है। वह ओबामा के कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडेन की जीत के लिए ओबामा भी काफी जोर लगाते दिखे हैं।
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बाइडेन पर ब्रिटिश लेबर पार्टी के नील किन्नॉक के भाषण की साहित्यिक चोरी का आरोप लगा था। इसके अलावा बाइडेन ने स्वीकार किया था कि उन्होंने लॉ स्कूल में अपने पहले साल के दौरान कानून की समीक्षा का लेख चोरी किया था।
साल 2007 में बाइडेन ने दावा किया था कि उन्हें इराक के ग्रीन जोन में ‘गोली लगी’ थी लेकिन बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह उस जगह के पास थे जहां ‘गोली चली’ थी।
बाइडेन के सीनेट ऑफिस में काम करने वाली एक महिला ने वॉशिंगटन डीसी की पुलिस के पास एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने इस शिकायत में आरोप लगाए थे कि बाइडेन ने 1993 में उनका यौन उत्पीड़न किया था।
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भारत को लेकर क्या है रुख?
भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारत के सामने मौजूद खतरों से निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे।
बाइडेन ने कहा था, ‘‘मैं 15 साल पहले भारत के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी देने की कोशिशों की अगुवाई कर रहा था। मैंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और सहयोगी बनते हैं, तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं, तो भारत अपने क्षेत्र और अपनी सीमाओं पर जिन खतरों का सामना कर रहा है, वह उनसे निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर काम करेंगे।