न्यूज डेस्क
आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में पूछा कि क्या वह रंगा-बिल्ला जैसे अपराधी हैं।
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार किये जाने पर 27 नवंबर को चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में सवाल उठाते हुए यह पूछा।
गौरतलब है कि चिदंबरम 99 दिनों से जेल में बंद हैं। मालूम हो कि रंगा और बिल्ला को 1978 में दिल्ली में दो भाई-बहन गीता और संजय चोपड़ा के अपहरण और हत्या का दोषी ठहराया गया था और इन दोनों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 1982 में इन दोनों अपराधियों को फांसी दी गई थी।
चिदंबरम ने 27 नवंबर को उच्चतम न्यायालय में दलील दी कि उन्हें ‘अनुचित तरीके’ से सिर्फ इसलिए जेल में रखा गया है क्योंकि वह आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुख्य आरोपी कार्ति चिदंबरम के पिता हैं और इस मामले से उन्हें जोडऩे के लिए उनके खिलाफ ‘एक भी साक्ष्य’ नहीं है।
इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में चिदंबरम की न्यायिक हिरासत की अवधि बुधवार को दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी। यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दर्ज किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पी. चिदंबरम की ओर से न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा, ‘यह कहा गया है (उच्च न्यायालय के फैसले में) कि यदि मुझे जमानत पर रिहा किया गया तो देश में गलत संदेश जाएगा मानो मैं ‘रंगा बिल्लाा’ जैसे अपराधियों सरीखा हूं।’
चिदंबरम की ओर से कपिल सिब्बल के साथ ही एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी बहस की। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया था कि जब वह जांच एजेंसी की हिरासत में थे तो गवाहों को प्रभावित कर रहे थे।
वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘प्रवर्तन निदेशालय को 2018 से तीन गवाहों के बारे में जानकारी थी तो फिर पी चिदंबरम के साथ उनका सामना करने के लिए उन्हें पहले क्यों नहीं बुलाया गया।’
उन्होंने कहा, ‘जेल में मेरा आज 99वां दिन है और देश ने कल संविधान दिवस मनाया है।’ उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में कोई ऐसा व्यक्ति है जिसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है तो वह चिदंबरम हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ किसी बेनामी भुगतान, बेनामी संपत्ति, बगैर खुलासे वाला बैंक खाता होना, किसी एसएमएस या किसी ईमेल के बारे में भी आरोप नहीं है जिससे उन्हें अपराध से जोड़ा जा सके।
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