न्यूज़ डेस्क
यूपी के सीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाये हुए है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार योगी बड़े एक्शन ले रहे है। इस बार भ्रष्टाचार की गाज एक सीनियर आईएएस अधिकारी के ऊपर गिरी है। नोएडा में प्लॉट आवंटन घोटाला में जेल जा चुके आईएएस अफसर राजीव कुमार द्वितीय के खिलाफ प्रदेश सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति की प्रकिया को शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, योगी सरकार ने इसके तहत राजीव कुमार द्वितीय को नोटिस जारी कर दिया है। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। राजीव उत्तर प्रदेश कैडर के 1983 बैच के आईएएस अफसर हैं।
गौरतलब है कि सीनियर आईएएस अधिकारी राजीव कुमार द्वितीय भ्रष्टाचार के मामलो में घिरे है। उन्होंने नोएडा प्लाट आवंटन घोटाले मामले में सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया था। राजीव कुमार को 31 अक्टूबर 2019 को सेवानिवृत्ति का नोटिस जारी कर अभ्यावेदन मांगा गया था। जारी की गई नोटिस का जवाब मिलने के बाद अब जल्द ही मामले पर निर्णय लेकर यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
क्या है मामला
सीबीआई ने नोएडा प्लॉट आवंटन घोटाले में राजीव कुमार को आरोप पत्र देते हुए कहा था कि सेक्टर 51 में एक भूखंड था जो उन्हें आवंटित किया गया था। पहले उसे सेक्टर 44 में लैंड यूज को बदल दिया था और फिर उसके बाद सेक्टर 14 ए में एक लैंडयूज को बदलकर उसे रेसीडेंशियल करवाया गया। जबकि नोएडा प्राधिकरण में जो नियम है उसके अनुसार रूपांतरण की अनुमति केवल एक बार ही दी गई थी।
इस मामले में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें राजीव कुमार को निलंबित कर दिया था। जबकि इस मामले में प्राधिकरण की पूर्व चेयरमैन और पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरा यादव पहले ही सरेंडर कर जेल जा चुकी हैं.