जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाये हुए हैं। इसी क्रम में अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए सरकार ने लोक निर्माण विभाग के सात अधिशासी अभियंताओं को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी। इन सभी अभियांतों के खिलाफ विभिन्न गड़बड़ियों के आरोप थे।
सभी अधिकारियों पर नियम 7 के तहत जांच और कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाने की वजह से यह कार्रवाई की गई। इसके बाबत शासनादेश भी जारी कर दिए गए हैं।
अभियंताओं को अनिवार्य सेवानिवृत्ति किया गया है। उसमें आजमगढ़ में तैनात अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार सोनवानी, मिर्जापुर में तैनात अधिशासी अभियंता देवपाल, एटा में तैनात अधिशासी अभियंता विपिन पचौरिया, श्रावस्ती में तैनात अधिशासी अभियंता पवन कुमार, खीरी एनएच विंग के अधिशासी अभियंता गिरजेश कुमार शामिल है।
इसके अलावा बलिया के अधिशासी अभियंता राम केवल प्रसाद, सहारनपुर में तैनात अधिशासी अभियंता मदन कुमार संतोषी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। राज्यपाल की अनुमति के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत अब निर्माण योजनाओं में होने वाली कमीशनखोरी पर अंकुश लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार राज्य में निर्माण योजनाओं के लिए अब मॉनिटरिंग एंड ऑडिटर अथॉरिटी का गठन भी करेगी। ये अथॉरिटी प्रदेश की निर्माण परियोजनाओं और निर्माण की गुणवत्ता की जांच करेगी।
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साथ ही यह अथॉरिटी विभागों में टेंडर में घोटाले व जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार पर निगरानी भी करेगी। वहीं निर्माण परियोजनाओं में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी, जिसके बाद मॉनिटरिंग एंड ऑडिटर अथॉरिटी के गठन का निर्णय लिया गया है। हाल ही में इसका इसका प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष किया गया है।