Wednesday - 10 January 2024 - 7:40 AM

देश के लिए खेलना और पदक जीतना ही अंतिम यादव का सपना

  • लड़कियों को अपनी सुरक्षा के लिए सीखना चाहिए जूडो
  • जूडो स्वर्ण पदक विजेता अंतिम यादव ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स को बताया बड़ा मंच

लखनऊ। मौजूदा दौर में अपराध लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में महिलाओं या फिर लड़कियों को अक्सर छेड़छाड़ का शिकार होना पड़ता है। अक्सर कहा जाता है वो अपनी सुरक्षा नहीं कर पाती है और उनको मदद की जरूरत होती है लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल रहे हैं।

आज कल की लड़कियां पहले से काफी मजबूत हो गयी है ई क्योंकि मार्शल आर्ट सीखकर अब वो खुद अपनी सुरक्षा कर सकती है।

मौजूदा वक्त में देश की कई बेटियां जूडो से लेकर कराटे सीख रही है ताकि वो अपनी सुरक्षा भी खुद कर सके और देश के लिए पदक भी जीते। जूडो खिलाड़ी अंतिम यादव भी मानती है कि उन्होंने इस खेल के माध्यम उनके अंदर एक अलग आत्मविश्वास जागा है।

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की ओर खेलते हुए से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश में अंतिम यादव ने जूडो के महिला 48 किग्रा से कम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है। स्वर्ण विजेता अंतिम कहती है कि जूडो से उनको डबल फायदा हुआ है।

उन्होंने कहा कि वो अपनी सुरक्षा खुद कर सकती है और देश के पदक जीतना भी उनका सपना है। मध्य प्रदेश की रहने वाली अंतिम यादव ने कहा कि उनका लक्ष्य भारत को खेलना है और देश के पदक जीतना है।

उनके पिता किसान है लेकिन इसके बावजूद उनके परिवार उनका पूरा साथ दिया है। हालांकि उन्होंने माना जिदंगी में अप और डाउन लगा रहता है लेकिन उससे हार नहीं मान सकते हैं। उन्होंने बताया कि लड़कियों के लिए बहुत जरूरी हो गया है, कि ऐसी अकल्पनीय स्थिति से बचने के लिए और आत्मसुरक्षा के लिए तैयार रहें।

आत्मसुरक्षा आपको मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, लेकिन कई लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं होती है। भोपाल में जूडो की प्रैक्टिस करने वाली अंतिम यादव ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश को एक बड़ा मंच करार दिया है।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में खेलों को लेकर वहां की सरकार हर संभव मदद करती है। हालांकि यूपी में भी खेलों के लिए माहौल काफी अच्छा है। उन्होंनें कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स जैसे और आयोजन होने चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को जमकर सराहा।

Radio_Prabhat
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