Tuesday - 9 January 2024 - 11:22 PM

विश्व कैंसर दिवस : हर एक मिनट में 17 कैंसर मरीज तोड़ रहे दम

जुबिली न्यूज़ डेस्क

आज विश्व कैंसर दिवस है। इसकी शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सन 2000 में की थी। इसके बाद से लगातार कैंसर दिवस मनाया जा रहा है। कैंसर दुनिया की सबसे घातक बिमारियों में शुमार है। दुनिया भर के कई वैज्ञानिकों ने इस घातक बीमारी को लेकर बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। इसके बाद भी इस घातक बीमारी से हर मिनट में करीब 17 लोगों की मौत हो रही है।

एक सर्वे में ये बात सामने निकल कर आई है कि अगर कैंसर होने की रफ्तार इसी तरह बढ़ती रही तो सन 2030 तक कैंसर विश्व में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन कर उभरेगा। यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) पिछले 88 सालों से दुनिया के 70 देशों में कैंसर से बचाव के लिए अभियान चला रहा है। इस वर्ष कैंसर दिवस की थीम ‘आए एम एंड आई विल’ है जिसका मतलब है हर व्यक्ति में क्षमता है कि वह कैंसर से लड़ सकता है।

यूआईसीसी की संस्था इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) द्वारा 17 दिसंबर को जारी  किये गये ‘ग्लोबोकैन 2020’ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में दुनिया भर में कैंसर के करीब 1.93 करोड़ मामले सामने आए हैं जबकि एक करोड़ से ज्यादा की मौत हो चुकी है। पांच में से एक व्यक्ति को पूरे जीवन काल में कैंसर होने का अनुमान है। 8 पुरुषों में से एक जबकि 11 महिलाओं में से एक महिला की मौत कैंसर से होती है। दुनिया भर में कैंसर की पुष्टि होने के बाद 5 साल तक करीब 5 करोड़ मरीज रहते हैं।

कैसे होता है कैंसर

दरअसल शरीर मे सामान्य रूप से कोशिकाएं बनती हैं और नष्ट होती रहती हैं। लेकिन इसमें गड़बड़ी होने पर कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ कर ट्यूमर का रूप का ले लेती हैं, जोकि शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। लेकिन ये कैंसरग्रस्त है या नही इसका पता लगाने के आपको जांच करानी जरुरी है। हिस्टोपैथोलॉजी जांच करके ये बताता है कि, गांठ कैंसरस है या नॉन कैंसरस। अगर कैंसरस है तो किस टाइप का और किस स्टेज का है।

इसके बाद शुरू होती है आपकी इलाज के बारी। इसके अर्ली डायग्नोसिस यानी पहचान के लिए बॉयोप्सी और FNAC यानी सुई द्वारा ट्यूमर की जांच कर पता किया जाता है। बॉयोप्सी एक छोटी सी सर्जिकल प्रोसीजर है ये सर्जन द्वारा की जाती है। इसमें छोटा सा मांस का टुकड़ा निकालते हैं और इसे केमिकल में रख कर पैथोलोजिस्ट के पास भेजते हैं जो माइक्रोस्कोप से जांच कर कैंसर होने या न होने की पुष्टि करते हैं। साथ ही टाइप ऑफ कैंसर और स्टेज भी बताते हैं।

तो इस वजह से बढ़ रहा कैंसर

देखा जाए तो कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन 40 वर्ष के आसपास बहुत से जीवन शैली से जुड़े कारण हैं जिसमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है उनमें सबसे प्रमुख है मोटापा। सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल यानी निष्क्रिय जीवनशैली, धूम्रपान, गलत खानपान, सूर्य की रोशनी में कम रहना यानी विटामिन डी की कमी के साथ-साथ बढ़ता प्रदूषण भी कैंसर होने में एक बड़ी वजह है।

इस तरह करें बचाव

इससे बचने के लिए आपको पोषक भोजन लेना चाहिए। अपने वजन को सामान्य रखें यानी आपका बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई 25 से कम होना चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम करें, सक्रिय रहें, स्मोकिंग तथा अल्कोहल से दूर रहें। लो फैट तथा हाई फाइबर डायट का प्रयोग करें। यदि परिवार में किसी को कैंसर रहा हो तो नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच कराते रहें तथा कैंसर विशेषज्ञ के संपर्क में रहें।

कौन सा कैंसर ज्‍यादा होता है

पुरुष तथा महिलाओं में पांच सबसे प्रमुख कैंसर किन-किन ऑर्गन्स में होते हैं महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर यानी कि बच्चेदानी की मुंह का कैंसर, ओवेरियन कैंसर, यूटरिन कैंसर यानी गर्भाशय का कैंसर और बड़ी आंत का कैंसर होता है, जबकि पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर प्रॉस्टेट कैंसर बड़ी आंत का कैंसर आहार नाल का कैंसरके साथ ही ब्रेन एवं मुँह का कैंसर बहुत कॉमन है।

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