Sunday - 14 January 2024 - 4:00 PM

आखिर क्या जरुरत पड़ी शाह को मोहन से मिलने की !

भोपाल। आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए अगले कुछ दिनों बाद ग्वालियर में अंतिम रूप दिया जाएगा। इस साल संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक आठ मार्च से ग्वालियर में होने जा रही है। संघ के सभी आनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों सहित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बैठक में शामिल होना तय माना जा रहा है। 10 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के साथ संघ के संगठनों में फेरबदल किया जाएगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, देश में लोकसभा चुनाव को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में मिली हार से संघ खुश नहीं है। आरएसएस ने भाजपा को तीनों प्रदेशों में करीब 100 से ज्यादा विधायकों को फिर से टिकट नहीं देने की बात कही थी। लेकिन प्रादेशिक नेत्तृव ने इसकी अनदेखी की थी। अब संघ चाहता है कि ऐसी गलती लोकसभा चुनाव में नहीं दोहराई जाए। नहीं तो इससे केंद्र में सरकार बनाने में कठिनाई हो सकती है।

आरएसएस ने एक सर्वे रिपोर्ट भाजपा को सौंपी है। इसमें प्रदेश के 26 में से करीब 16 सांसदों के टिकट काटने की सिफारिश की गई है। संघ के अनुसार इन सांसदों के खिलाफ जनता के बीच गुस्सा बहुत ज्यादा है, यदि इन्हें फिर से टिकट दिया गया तो हालात मुश्किल हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि ग्वालियर में होने वाली प्रतिनिधि सभा की बैठक में सभा से पहले मध्य प्रदेश की लोकसभा सीटों को लेकर संघ की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक भी होगी। इस बैठक में मध्य प्रदेश की लोकसभा सीटों पर भाजपा के संभावित प्रत्याशियों पर बातचीत होगी और चुनावी रणनीति तय होगी। समन्वय बैठक में भाजपा के कई बड़े नेता भी हिस्सा लेंगे। यह बैठक फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह में हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बैठक के बाद प्रदेश के दौरे पर रहेंगे।

बताया जा रहा है कि आरएसएस प्रदेश भाजपा नेत्तृव की गुटबाजी से खुश नहीं है। एक महीने में कई ऐसे मौके आए जिस पर भाजपा कांग्रेस सरकार का पुरजोर तरीके से विरोध नहीं कर पाई। मोदी सरकार द्वारा सवर्ण वर्ग को दस फीसदी आरक्षण दिए जाने के मुद्दे को भाजपा जमीन तक पहुंचाने में विफल रही। संघ भाजपा में चल रही गुटबाजी से नाराज है।

विधानसभा चुनाव के कमजोर प्रदर्शन और लोकसभा चुनाव की तैयारी में धीमी चाल के चलते मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की कमान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते को सौंप दी है। ये फैसला आरएसएस के सहकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी के कुछ दिनों पहले भोपाल प्रवास के बाद लिया है। जोशी ने चुनाव की तैयारियों को लेकर नब्ज टटोली थी। उनके द्वारा ली गई बैठक में कई मतभेद सामने आए थे।

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