जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पहुंचे। इस अचानक हुई मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सवाल उठ रहे हैं-आख़िर राहुल गांधी पीएमओ क्यों पहुंचे?
बताया जा रहा है कि यह बैठक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के नए निदेशक की नियुक्ति को लेकर हुई। CBI निदेशक की नियुक्ति एक उच्चस्तरीय चयन समिति द्वारा की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं। यही कारण है कि राहुल गांधी, विपक्ष के प्रमुख प्रतिनिधि होने के नाते, इस महत्वपूर्ण चर्चा में शामिल हुए।
CBI की भूमिका क्यों अहम है?
CBI भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली जांच एजेंसी है। यह एजेंसी भ्रष्टाचार, घोटाले, संगठित अपराध और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की जाँच करती है। ऐसे में इसका नेतृत्व कौन करेगा, यह फैसला देश की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए बेहद अहम हो जाता है।
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#WATCH | Delhi: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi arrives at Prime Minister's Office, in Delhi. pic.twitter.com/jnbsHbYcs8
— ANI (@ANI) May 5, 2025
राजनीतिक अर्थ भी तलाशे जा रहे हैं
राहुल गांधी की पीएमओ में मौजूदगी को लेकर सियासी हलकों में चर्चाएं तेज हैं। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बैठक भले ही एक संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा हो, लेकिन इसके राजनीतिक संकेत भी दूरगामी हो सकते हैं—खासतौर पर तब जब लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद सत्ता की तस्वीर बदल सकती है।
CBI निदेशक की नियुक्ति न केवल प्रशासनिक निर्णय है, बल्कि यह दिखाता है कि देश में जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष कितना सजग है। अब देखना होगा कि इस मंथन से कौन चेहरा सामने आता है और क्या यह एजेंसी की कार्यप्रणाली में कोई नई दिशा तय करेगा।