Sunday - 14 January 2024 - 11:55 PM

अशोक गहलोत और सचिन क्यों आए आमने-सामने

न्यूज डेस्क

कर्नाटक, गोवा के बाद राजस्थान। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस के भीतर फूट मची हुई है। गोवा में 10 विधायक भगवाधारी हो गए तो कर्नाटक में भगवा होने के फिराक में हैं। राजस्थान में मामला थोड़ा सा भिन्न है। यहां कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है लेकिन सरकार के अंदर खींचतान का दौर जारी है।

गौरतलब है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद सीएम पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच रार दिखी थी। वहां गहलोत सरकार को भले ही कोई खतरा न हो लेकिन उनको जरूर खतरा है।

अब तक इशारों-इशारों में एक दूसरे पर हमला कर रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट अब खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। सचिन पायलट कह रहे हैं कि जनता ने अशोक गहलोत के नाम पर वोट नहीं दिया और ऐसा ही आरोप अशोक गहलोत भी सचिन पायलट पर लगा रहे हैं।

पायलट मुख्यमंत्री बनने का मंसूबा न पाले

अशोक गहलोत राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं। उन्हें पता है कि कब, कहां और कितना बोलना है। बहुत ही नपा-तुला बोलने वाले गहलोत ने बजट पेश करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आखिरकार उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को साफ कर दिया कि वह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने का मंसूबा ना पालें।

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सीएम गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाले आठ महीने हो गए हैं। अभी तक वह इस मुद्दे पर खुलकर नहीं बोल रहे थे लेकिन अब वह सामने आ गए हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव में लोगों ने उनके नाम पर वोट दिए हैं। उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट दिए हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने उनको मुख्यमंत्री बनाया है। किसी और के नाम पर वोट नहीं मिले हैं। जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी नहीं थे वह भी अपना नाम आगे ला रहे हैं।

राजस्थान के बॉस है गहलोत

सियासी गलियारे में चर्चा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने के छुपे हुए अभियान से परेशान हैं। गाहे-बगाहे सचिन पायलट की नाराजगी दिख ही जाती है।

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फिलहाल इस मुद्दे पर गहलोत आर-पार के मूड में हैं। बजट पेश करने के बाद उन्होंने कड़े शब्दों में अपनी मंशा जतायी। इतना ही नहीं गहलोत ने इशारों-इशारों में आलाकमान को भी साफ कर दिया राजस्थान का बॉस मैं हूं। यहां दो नेता नहीं चलेंगे।

चुप बैठने वाले नहीं है सचिन

सचिन पायलेट ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में बहुत मेहनत की थी। 5 साल तक राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष रहकर विधानसभा चुनाव में नेतृत्व करने वाले नौजवान नेता सचिन पायलट भी चुप बैठने के मूड में नहीं है।

दरअसल सचिन को लगता है कि उनकी मेहनत की वजह से ही कांग्रेस सत्ता में आई है। इसलिए मुख्यमंत्री की कुर्सी के हकदार वहीं हैं। उन्हें राहुल गांधी से भी उम्मीद थी कि उनको मौका देंगे, लेकिन राहुल की चुप्पी की वजह से वह बेसब्रे हो रहे हैं।

इसलिए बिना पत्रकारों के सवाल पूछे ही पायलट ने कहा कि राजस्थान में सरकार कार्यकर्ताओं की मेहनत से बनी है और राहुल गांधी के नाम पर बनी है न कि किसी और के नाम पर बनी है।

गहलोत के बयान पर खुद ही दिए प्रतिक्रिया

दरअसल डिप्टी सीएम सचिन पायलट बजट पर बोलने के लिए पत्रकारों को बुलाए थे। पत्रकारों ने गहलोत के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया नहीं मांगी तो वह खुद ही बोल दिए। इतना ही नहीं उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप लोग कठिन सवाल नहीं पूछते।

माना जा रहा है कि राजस्थान में दोनों के बीच की लड़ाई अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि अगर इस मुद्दे पर जल्द कोई फैसला नहीं हुआ तो पार्टी के लिए ठीक नहीं होगा और राज्य में सरकार चलाना भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।

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