जुबिली स्पेशल डेस्क
अभी हाल में पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने राज्य के विधायकों की सैलरी को बढ़ाने का फैसला किया था। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए विधायकों की सैलरी में हर महीने 40 हजार रुपये बढ़ा दी।
ऐसे में अब ममता सरकार में हर हर विधायक को सैलरी के रूप में हर महीने 1.21 लाख रुपये मिलेंगे। अगर देखा जाये विधायकों की सैलरी के मामले में झारखंड सबसे आगे क्योंकि झारखंड के विधायक को अब हर महीने 2.9 लाख रुपये सैलरी के रूप में दिए जाते हैं।
इस साल अगस्त में एक समिति द्वारा विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी करने को कहा था। हालांकि अभी विधानसभा से मंजूरी मिलनी बाकी है।
वहीं झारखंड के बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है जहां पर विधायक की सैलरी 2.6 लाख रुपये प्रति है। इसके बाद तीसरे नंबर पर तेलंगाना और मणिपुर है जहां पर विधायकों को सैलरी के रूप में 2.5 लाख रुपये मिलते हैं। भारत में कुल आठ राज्य ऐसे है जहां पर विधायकों को हर महीने सैलरी के रूप में 2 लाख रुपये सैलरी मिलती है। पश्चिम बंगाल में हाल में सैलरी बढ़ाई गई इजाफे के बाद वह नीचे से 12वें नंबर पर हैं।
अगर उत्तर प्रदेश की जाये तो यहां पर विधायकों खर्च कम किया जाता है क्योंकि 403 विधायक है। यूपी में विधायकों को सैलरी देने के लिए हर साल राज्य सरकार को 90.4 करोड़ रुपये खर्च करती है।
इस मामले में पुडुचेरी का खर्च सबसे कम है। वहां सिर्फ 33 विधायक हैं और सरकार साल में सिर्फ 4.2 करोड़ रुपये अपने विधायकों की सैलरी पर खर्च करती है जबकि केरल (140 विधायक), असम (126) और पंजाब (117) देश की उन बड़ी विधानसभाओं में शामिल है जिसमें विधायकों की सैलरी पर अपेक्षाकृत कम खर्च होता है।
इनकी सैलरी पर गौर करे तो यहां पर क्रमश: 11.8 करोड़ रुपये, 12.1 करोड़ रुपये और 13.2 करोड़ रुपये खर्च किया जाता है।