Sunday - 7 January 2024 - 4:51 AM

यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

जुबिली न्यूज डेस्क

कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को कल अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाया। मलिक की उम्रकैद की सजा सुनाए जाने का पाकिस्तान के नेता विरोध कर रहे हैंं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मलिक को टेरर फंडिंग मामले में सुनाई गई उम्रकैद की सजा का विरोध किया है।

शरीफ ने ट्वीट करके इसे भारतीय लोकतंत्र और न्यायिक प्रणाली के लिए काला दिन करार दिया है।

अपने ट्वीट में पाक पीएम ने लिखा, ” भारतीय लोकतंत्र और उसकी न्यायिक प्रणाली के लिए आज काला दिन है। यासीन मलिक को शारीरिक तौर पर भारत भले ही जेल में डाल सकता है लेकिन आजादी के जिस विचार के लिए मलिक जाने जाते हैं उस विचार को कैद नहीं किया जा सकता। एक बहादुर स्वतंत्रता सेनानी को आजीवन कारावास देना कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को नया प्रोत्साहन देगा।”

पीएम के अलावा अन्य कई नेताओं की इस पर प्रतिक्रिया आई है। पाक के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी मलिक की सजा का विरोध किया है।

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भुट्टो ने अपने ट्वीट में लिखा है, ” मैं यासीन मलिक को अन्यायपूर्ण सजा सुनाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं। कश्मीरियों की आजादी और उनके आत्म सम्मान की आवाज को भारत कभी भी चुप नहीं करा सकता है। पाकिस्तान कश्मीरी भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है। हम उनके संघर्ष में हर संभव मदद करता रहेगा।”

पाक के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी मलिक की सजा को लेकर ट्वीट किया है। अफरीदी ने लिखा है, ” जिस तरह से भारत कश्मीर में मानवाधिकार के हनन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रहा है उसका कोई मतलब नहीं है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर लगाए झूठे आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष को नहीं रोक पाएंगे। कश्मीर के नेताओं के खिलाफ इन झूठे मुकदमों में यूनाइटेड नेशन को सामने आना चाहिए।”

वहीं पाक के वरिष्ठ  पत्रकार हामिद मीर ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद यूनाइटेड नेशन से इस मामले में दखल देने की अपील की है।

मीर ने ट्वीट करते हुए लिखा, ” ये समय है कि यूनाइटेड नेशन को मलिक और दूसरे कश्मीरी नेताओं के खिलाफ झूठे आरोपों का संज्ञान लेना चाहिए।”


इसके अलावा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के स्पीकर ने भी इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि भारत की कठपुतली कोर्ट ने मलिक को बिना सबूत और गवाहों के सजा देकर इंसाफ का गला घोंटा है। पाक की जनता पूरी तरह अलगाववादी नेता के साथ खड़ी है।

मालूम हो कि मंगलवार को पाक की नेशनल असेंबली ने सर्वसम्मति से मलिक के परिवार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। इसमें कहा गया था कि भारत यासीन मलिक पर झूठे आरोप लगा रहा है।

पाक की एक न्यूज वेबसाइट डॉन के अनुसार, प्रस्ताव पेश करते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा था कि सदन कश्मीरी लोगों को उनके वास्तविक नेतृत्व से वंचित करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए भारत सरकार की निंदा करता है।

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यासीन मलिक को बुधवार को NIA  की एक कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामलों में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

मलिक पर भारत के विरुद्ध युद्ध छेडऩे, आपराधिक साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने जैसे संगीन आरोप थे। कोर्ट में उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।

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