जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि बीसीसीआई के आला अधिकारियों से बिहार क्रिकेट संघ के वर्तमान स्वरूप पर विचार विमर्श हुआ। उन्होंने बिहार क्रिकेट को लेकर कई बातों को बीसीसीआई के सामने रखा है।
उन्होंने बताया कि बिहार क्रिकेट के खिलाडिय़ों के भविष्य के लिए उनसे कहा कि आने वाले घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता को लेकर यहां के खिलाडिय़ों के बीच एक अजीब सा संशय छा गया है क्योंकि वर्तमान बीसीए के दोनों गुट मे चल रहे घमासान, बीसीए का खाता बंद हो गया है मामला पटना हाई कोर्ट मे चल रहा है।
बीसीसीआई का यूनिट है बिहार क्रिकेट संघ ऐसे मे क्या बीसीसीआई की यह जिम्मेदारी नहीं बनती है कि जब तक बीसीए के आपसी मतभेद का निपटारा नही हो जाए बिहार के क्रिकेटरो के भविष्य के लिए बीसीसीआई अविलम्ब बिहार के लिए एक एडहोक व्यवस्था करे पूर्व मे भी बीसीसीआई 2002, 2015-2019 मे कर चुका है।
दुबई रवाना होने के पूर्व अध्यक्ष सौरभ गॉगुली ने हमे भरोसा दिया है कि अगामी 17.10.20 को बीसीसीआई के ऐपेकस काउंसिल के बैठक मे बिहार क्रिकेट संघ के वर्तमान स्वरूप, विवाद पर चर्चा करन के लिए मामले को ऐजेंडा मे रख दिया गया है यह अत्यंत ही खेद का विषय है की बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारीयों के आपसी झगड़े के कारण बिहार के खिलाडिय़ों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है 2009 , 2015, 2019 तीनो वर्ष की कुंडली देखा जाए तो समझदार लोग समझ जाएगें।
कुर्सी का मोह, अपना स्वार्थ , या पैसे का लालच सामने नजर आता ह। बीसीसीआई को चाहिए कि अगले 10 साल तक बिहार क्रिकेट संघ को अपने हाथो मे लेकर खुद संचालन करे जिस प्रकार राजस्थान मे यह प्रयोग किया था। आदित्य वर्मा ने कहा कि मुझे पुरी उम्मीद है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ दादा जो खुद ही एक बड़े क्रिकेटर और कप्तान रह चुके है वे निश्चित ही बिहार के क्रिकेटरो के लिए कुछ अच्छा करेगें ।