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तो इस वजह से इतनी जगहों पर नहीं होगा ग्राम प्रधान का चुनाव

जुबिली न्यूज़ डेस्क

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर जोरों से तैयारियां चल रही हैं। इस पंचायत चुनाव को सत्ता के सेमीफाइनल की नजर से देखा जा रहा है। इसलिए सभी दल पूरे जोर शोर से इन चुनाव में दमखम दिखाने में जुटे हुए हैं। यही नही चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी सभी जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं। वहीं इस बार करीब 880 जगह ग्राम प्रधान ये चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

दरअसल पिछली बार यानी 2015 में जब पंचायत चुनाव हुए थे उनके मुकाबले इस बार 880 ग्राम प्रधानो के पड़ कम हो गये हैं। इस वजह राज्य में विकास खंडो की संख्या का बढ़ जाना है। ये संख्या पिछली बार 821 थी जो अब बढ़कर 826 हो गई है। इसके साथ इस बार क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष यानि ब्लाक प्रमुख के पदों में 5 पदों का इजाफा हो गया है।

साल 2015 में जो पंचायत चुनाव हुए थे उसमें प्रदेश में कुल 59 हजार 074 ग्राम प्रधानों के पद थे। लेकिन इस बार जो परिसीमन हुआ है। उसमें 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिये गये हैं इसी वजह से अब इस बार प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में कुल 58,194 ग्राम प्रधानों के पद पर ही चुनाव होंगे। इस बार ग्राम पंचायतों की संख्या कम होने के साथ ही ग्राम पंचायतों के वार्ड भी कम हो गये हैं।

बता दें कि साल 2015 के पंचायत चुनाव में प्रदेश में कुल 7,44,558 ग्राम पंचायत सदस्यों के पद पर चुनाव हुए थे। वहीं इस बार ये संख्या घटकर 7,31,813 रह गई है। ये सभी आंकड़े पंचायतीराज निदेशालय के द्ववारा राज्य निर्वाचन आयोग में सौंपी गई एक रिपोर्ट में सामने आये।

यहां बता दें कि इस बार प्रदेश के 71 जिलों में संक्षित परिसीमन हुआ जबकि गोण्डा, सम्भल, मुरादाबाद, गौतमबुद्धनगर में पूर्ण परिसीमन करवाया गया 2015 के पंचायत चुनाव में कानूनी व्यवधानों की वजह से इन चार जिलों में परिसीमन नहीं हो सका था।

अब इस बार जो परिसीमन हुआ है उसके अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक 1858 ग्राम पंचायतों वाला जिला आजमगढ़ है, जबकि 2015 में इस जिले में कुल 1872 ग्राम पंचायतें थीं। दूसरे नम्बर पर सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतें जौनपुर में 1740 हैं, 2015 के चुनाव में यहां 1773 पंचायतें थीं। प्रदेश में जिला पंचायत सदस्यों के पद भी कम हुए हैं।

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पिछले चुनाव यानी 2015 के चुनाव में प्रदेश की कुल 75 जिला पंचायतों में 3120 वार्ड थे जबकि इस बार इनमें 69 वार्ड कम हो गये हैं। इस तरह से इस बार के चुनाव में कुल 3052 जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर ही चुनाव होगा।

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